दीपावली की छुट्टी लगते ही बच्चे नेट से नजदीकी बढ़ाने लगे हैं। बच्चों की छुट्टी का फायदा उठाकर हैकर्स भी सक्रिय हो गए हैं। ऑनलाइन दोस्ती, चैट और गेम्स मुहैया कराने वाली साइट के जरिए हैकर्स बच्चों से उनकी व उनके माता-पिता की निजी जानकारी उगलवा रहे हैं। यह बात इंटरनेट से जु़ड़ी एक कंपनी 'टीसीएस' के सर्वे में सामने आई है।
सर्वे के मुताबिक ज्यादातर बच्चों को छुट्टी के दौरान शिकार बनाया जा रहा है। ये हैकर्स स्पैम्स, फिशिंग अटैक और पोनोग्राफी के जरिए बच्चों को फंसाकर उनका डाटा हैक करते हैं। यह सर्वे दिल्ली समेत 12 शहरों में किया गया। सर्वे के अनुसार 63 फीसदी शहरी बच्चे रोजाना एक घंटे से ज्यादा इंटरनेट पर बिताते हैं। वहीं 80 फीसदी से ज्यादा छात्र स्कूल और अन्य गतिविधियों में सोशल नेटवर्किंग साइट्स, ब्लागिंग के लिए समय निकालते हैं।
साइबर एक्सपर्ट शुभम साहू का कहना है कि बच्चे इंटरनेट के बारे में जागरूक नहीं होते। इसी कारण वे आसानी से हैकर्स के जाल में फंस जाते हैं। छात्रों के बीच सोशल नेटवर्किंग साइट्स की लोकप्रियता लगातार ब़ढ़ रही है। इन साइट्स के जरिए बच्चे बिना किसी झिझक के क्रेडिट कार्ड और अपनी निजी जानकारी उपलब्ध करा देते हैं।
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क्या सावधानी बरतें * साइट्स पर किसी अनजान को निजी जानकारी न दें।
* बच्चों को अकेला न छो़ड़ें। स्पैम मेल का जवाब न दें।
* ट्रैकिंग और एंटी वायरस साफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।