मंदी का दौर लगभग खत्म हो गया है। अब युवाओं को नौकरी ढूँढ़ने के लिए न तो अपनी जेब ढीली करने की जरूरत है और न ही इधर-उधर भटकने की। युवा अब मात्र दस रुपए में किसी भी साइबर कैफे में जाकर घंटों तक जॉब सर्च साइटों पर नौकरी की जानकारी हासिल कर सकते हैं। जॉब ढूँढने के लिए इन दिनों साइबर कैफों पर युवाओं की भारी भीड़ जुट रही है।
आईटी व आधुनिक तकनीक के इस दौर में पिछले कुछ सालों में लग्जरी लाइफ जीने की चाहत में युवाओं में पावर जॉब की चाहत में इजाफा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न जॉब साइटें युवाओं को रोजगार दिलाने में सहायक भी रही हैं। मंदी से पूर्व इंटरनेट खंगाल कर अनेक युवाओं ने बेहतर पैकेज की जॉब पाने में सफलता भी पाई लेकिन वैश्विक मंदी ने साइबर जॉब के अवसरों पर रोक सी लगा दी थी।
मंदी का असर कम होने के बाद जॉब साइटें अब फिर से युवाओं को लुभा रही हैं। तकनीकी रूप से शिक्षित युवा बेहतर रोजगार के लिए साइटों पर दिन रात अपना दिमाग लगा रहे हैं। मंदी के दौर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने हाथ पीछे खींच लिए थे लेकिन अब मंदी का दौर समाप्त होने के बाद जॉब सर्च साइटें फिरसे मददगार साबित हो रही हैं।
मंदी के दौरान में देश-विदेश में रोजगार के अवसरों में कटौती होने से जॉब साइटों पर क्रेज भी कम हो चला था। पर अब प्लेसमेंट इंडिया.कॉम, नौकरी.कॉम, जॉब.कॉम आदि साइटों पर युवा सिर खपा रहे हैं।
नेट पर जॉब ढूँढने वालों में आईटी, इंजीनियरिग व मार्केटिंग के युवा अधिक हैं। एमसीए की छात्रा नीरज, कविता भारद्वाज, रमा डागर, जसप्रीत कौर, पवन दहिया, राजेश कल्याणी आदि बताते हैं कि वे इंटरनेट पर रोजगार ढूँढने के लिए घंटों सर्चिंग करते हैं। ऑनलाइन जॉब बेहतर पे-पैकेज के साथ ऑफर होती है। साइटों पर अब दोबारा ऑफर मिलने शुरू हो गए हैं।
आईटी एक्सपर्ट डॉ. शकुंतला गक्खड़ कहती हैं कि एमएनसीज ने तकनीकी रूप से शिक्षित युवाओं के लिए जॉब साइटों के जरिए बेहतर मौका मुहैया कराया था। मंदी ने साइबर जॉब बाजार को लील दिया था लेकिन अब दोबारा जॉब सर्च साइटों पर बेहतर जॉब पैकेज मिलने शुरू हो गए हैं। फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव चावला बताते हैं कि मंदी छंटने के बाद कंपनियों ने कैंपस का रुख किया है तो जॉब साइटों पर भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पैकेज उपलब्ध हैं।