भारत में जैसे-जैसे स्मार्ट फोन का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे ही कई तरह के एप्स भी तेजी से बाजार में सामने आ रहे हैं। भारत में फिलहाल ट्रेंड चल रहा है डेटिंग एप्स। यह एप्स लाखों लोगों की पसंद बन चुके हैं। भारत में अभी भी अरेंज मैरिज को सही और लव मैरिज को गलत माना जाता है। यहां रिश्ते के लिए जाति और धर्म ही सबसे ज्यादा अहमियत रखता है लेकिन इस सब बातों को पीछे छोड़कर शहरी युवाओं में डेटिंग साइट्स का ट्रेंड तेजी से फैल रहा है।
इन डेटिंग साइट्स के एप्स के जरिए युवा अपने जैसे अनजान लोगों से फ्रेंडशिप कर रहे हैं, नए रिश्ते बनाए जा रहे हैं। भारत में भी डेटिंग साइट्स और इससे जुड़ी मोबाइल एप मार्केट में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। पिछले कुछ सालों में भारत की ही दर्जन भर से ज्यादा डेटिंग कम्पनियों ने अपने मोबाइल ऐप लांच किए हैं। कंपनियों द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक 10 लाख से भी ज्यादा युवा इन एप्स को डाउनलोड कर इसकी सर्विस का लुत्फ ले रहे हैं।
इन एप्स का फायदा वे चैटिंग से लेकर डेटिंग तक करने में उठा रहे हैं। इस सफलता से उत्साहित भारतीय कंपनियां भी अनूठे नामों वाली देसी डेटिंग ऐप्स बाजार में ला रही हैं. इनमें से कुछ नाम हैं वू, ट्रूली मैडली, थ्रिल, देसीक्रश और हिकअप।
डेवलपर का कहना है कि यूजर्स की सत्यापन, सुरक्षा और गोपनीयता हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। हमारा महिलाओं को ऐसा एप देते हैं जहां यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें शादीशुदा या परेशान करने वाले पुरुष नहीं मिलेंगे, लेकिन दिल्ली में दिसंबर 2014 में उबेर के मोबाइल एप से बुक की गई टैक्सी में हुए बलात्कार के मामले के बाद महिलाओं की सुरक्षा काफी बड़ा मुद्दा है। भारत जैसे विशाल देश में डेटिंग एप्स को शुरुआती सफलता तो मिल रही हैं, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए इसे अभी बहुत परिष्कृत होने की जरूरत है। (एजेंसियां)