APPLE ने चुराई भारतीयों की तकनीक, देने होंगे 1478 करोड़

न्यूयॉर्क। दो भारतीय गुरिंदर सोही और टीएन विजयकुमार समेत चार लोगों द्वारा तैयार तकनीक चुराने के मामले में दोषी ठहराई गई एप्पल कंपनी को अब करीब 1478 करोड़ रुपए चुकाना होंगे। 
 
अमेरिका की एक अदालत ने पेटेंट चुराने के आरोप में एप्पल पर 234 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है। एप्पल को यह रकम यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन मैडिसन को देनी होगी। एप्पल पर इसी यूनिवर्सिटी का पेटेंट चुराने का केस चल रहा था। इस A7, A8, और A8X तकनीकी चिप्स को एप्पल फिलहाल आईफोन 5एस, 6 और नए प्रोडक्ट 6एस में भी इस्तेमाल करती है। सोही और विजय कुमार बिट्‍स पिलानी के विद्यार्थी रहे हैं। 
 
यह मामला : एप्पल ने यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन मैडिसन की लाइसेंस वाली तकनीक को बिना अनुमति के इस्तेमाल किया। इस तकनीक को विसकॉन्सिन एल्युमनी रिसर्च फाउंडेशन (WARF) ने 1998 में पेटेंट कराया था। WARF ने कोर्ट में पेश दस्तावेजों में दावा किया था कि सोही और विजयकुमार सहित उसके चार रिसर्चर्स ने उस तकनीक को डेवलप किया, जिसे एप्पल अपने चिप में इस्तेमाल कर रहा है। अदालत ने WARF की दलीलों को सही पाया। 

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