आसमान में मंडराएंगे गूगल के इंटरनेट गुब्बारे, मिलेगा यह फायदा

मंगलवार, 3 नवंबर 2015 (15:30 IST)
17 हजार द्वीपों से बने एक देश को आप कैसे इंटरनेट से जोड़ेंगे? यही वह सवाल था जिसने गूगल के सामने एक नई चुनौती पेश की। गूगल की पूरी टीम ने इस पर रिसर्च किया और उपाय निकला 'प्रोजेक्ट लून'। 
जी हां, इंडोनेशिया में गूगल के नए प्रोजेक्ट का नाम है 'प्रोजेक्ट लून' जिसके अंतर्गत गूगल ने हीलियम बलून के माध्यम से पूरे देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी देने का काम किया है।
 
गूगल ने अपने इस अनोखे और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए तीन इंडोनेशियाई इंटरनेट सर्विस प्रदाताओं- टेल्कोमसेल, एक्जिएटा और इनमोस्ट के साथ टाई-अप किया है। इन सभी ने मिलकर हीलियम बलून के माध्यम से देश के दूरदराज के क्षेत्रों को इंटरनेट से जोड़ने का कठिन काम कर दिखाया है।
 
गूगल के सहसंस्थापक सर्जी ब्रिन के कहा कि, 'आज के समय में संचार के माध्यम बहुत आवश्यक हैं। यह आपके दैनंदिनी जीवन की आवश्यकता बन गया है। और ऐसे में यदि आपके पास जानकारी तक पहुंचने और लोगों से संचार स्थापित करने का माध्यम नहीं है, तो यह बेहद निराशाजनक होगा।
 
एक जानकारी के अनुसार केवल 29 प्रतिशत इंडोनेशियाई नागरिकों के पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है और जिनके पास यह है वहां इंटरनेट स्पीड काफी धीमी है। इस देश की भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि यहां अंडरवाटर केबल्स के माध्यम से नेटवर्क स्थापित करना बेहद खर्चिला काम होगा।
 
गूगल ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिए 12 महीनों तक अपने पार्टनर कंपनियों के साथ मिलकर टेस्टिंग किया। गूगल ने यहां 20 हजार मीटर की ऊंचाई पर हवा में हजारों बलून स्थापित करके इंटरनेट नेटवर्क तैयार किया है।

ज्ञातव्य हो कि पहली बार 2011 में गूगल के एक्स डिविजन द्वारा 'प्रोजेक्ट लून' न्यूजीलैंड में शुरू किया गया था। उसके बाद गूगल ने ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, श्रीलंका के बाद अब इंडोनेशिया में यह शुरूआत की है।

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