अब गूगल इस कंपनी को अपने हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और तकनीकी सेवाएं नहीं देगा। हुवावे को अब एंड्रॉइड अपडेट नहीं मिलेगा और हुवावे अब गूगल की उन्हीं सेवाओं का प्रयोग कर पाएगा जो ओपन सोर्स पर मौजूद हैं। आने वाले दिनों में एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर चलने वाले हुवावे के स्मार्टफोन में Google Play Store, Gmail और YouTube जैसी लोकप्रिय ऐप भी नहीं होंगे। खबरों के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने चीन की कंपनी हुवावे को दुनिया भर में ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।
इस मामले में गूगल के प्रवक्ता का कहना है कि उनकी कंपनी बिना विवरण मिले आदेश का अनुपालन कर रही है और इसकी समीक्षा भी कर रही है। हालांकि इस पर हुवावे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। दो महीने पहले कंपनी के सीईओ (कंज्यूमर प्रोडक्ट डिविजन) रिचर्ड यू ने बताया था कि हुवावे कंपनी प्लान बी के तहत खुद का मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर रही है।
जासूसी के शक में लगाया प्रतिबंध : अमेरिका को शक है कि हुवावे चीन के लिए जासूसी कर रही है। हुवावे ने अपने उपकरणों से सुरक्षा के खतरे के आरोपों से इंकार किया है। अमेरिका ने बीते गुरुवार को हुवावे टेक्नोलॉजी के साथ व्यापार को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ये प्रतिबंध तुरंत लागू हो गए हैं। ऐसे में हुवावे के लिए अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ व्यापार करना परेशानी भरा हो गया है।