भारत का मोबाइल भुगतान बाजार ऐतिहासिक गति से विस्तार कर रहा है और वर्ष 2033 तक इसके 4.99 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वर्ल्डलाइन की ओर से मंगलवार को जारी किए गए नवीनतम श्वेत पत्र 'सॉफ्टपीओएस : उद्योगों में संपर्क रहित भुगतान को बदलना' में कहा गया है कि भारत का मोबाइल भुगतान इकोसिस्टम न केवल परिपक्व हो रहा है बल्कि दुनिया के सबसे बड़े और तेज़ी से बढ़ते डिजिटल भुगतान बाजारों में से एक बन चुका है। वर्ष 2024 में जहां यह बाजार 792.4 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया वहीं अगले 9 वर्षों में यह लगभग छह गुना बढ़कर 4.99 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की ओर अग्रसर है, जिसकी सालाना विकास दर 21.56 प्रतिशत आंकी गई है।
इस विकास के केंद्र में है सॉफ्टपीओएस, एक अभिनव तकनीक जो किसी भी एंड्रॉयड स्मार्टफोन को बिना अतिरिक्त हार्डवेयर के पूर्ण भुगतान स्वीकार में बदल देती है। वर्ल्डलाइन के अनुसार, सॉफ्टपीओएस भारत में विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए भुगतान स्वीकृति को सुलभ बना रहा है। इसकी तैनाती में न केवल लागत की बचत होती है बल्कि यह व्यवसायों को तेज़, सुरक्षित और लचीला भुगतान अनुभव प्रदान करता है।
सॉफ्टपीओएस का प्रभाव केवल खुदरा तक सीमित नहीं है। यह तकनीक आज परिवहन, स्वास्थ्य सेवा, बीमा, रेस्तरां और ई-कॉमर्स जैसे विविध क्षेत्रों में भुगतान व्यवस्था को नया आकार दे रही है। मोबाइल चेकआउट और अंतहीन गलियारे जैसे अनुभव संभव हो रहे हैं। छोटे व्यवसायों के लिए टैप-टू-पे को विशेषकर टियर II और III शहरों में आसान बना रहा है।
वर्ल्डलाइन इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रमेश नरसिम्हन ने कहा,“सॉफ्टपीओएस भारत के भुगतान परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। स्मार्टफोन की सर्वव्यापकता और संपर्क रहित अनुभवों की माँग ने इसे बेहद प्रासंगिक बना दिया है। यह तकनीक विशेष रूप से एमएसएमई के लिए एक सशक्त उपकरण है, जो उन्हें कम लागत में उच्च-स्तरीय डिजिटल भुगतान क्षमता प्रदान करता है। वर्ल्डलाइन में हमारा लक्ष्य इस नवाचार को आगे ले जाना और भारत के वित्तीय समावेशन को और मज़बूत करना है।” इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma