जानकारी के मुताबिक ट्विटर ने इसके लिए समय कम होने का हवाला दिया है। दअरसल, ट्विटर पर विचारधारा के आधार पर यूजर्स के साथ भेदभाव करने के आरोप लगे हैं। इसके लिए अनुराग ठाकुर की अगुआई वाली संसदीय समिति ने ट्विटर इंडिया को समन भेजा है।
समिति ने ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों को पेश होने के लिए 10 दिन का समय दिया था, लेकिन उन्होंने इसे कम समय माना। समिति ने एक फरवरी को ट्विटर को समन जारी किया था। इसके अनुसार 7 फरवरी को ट्विटर के अधिकारियों को पेश होना था, लेकिन फिर उसे बढ़ाकर 11 फरवरी किया गया। इसके बावजूद ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों ने समिति के सामने पेश होने से इंकार कर दिया है।