मध्यप्रदेश के धार में एक चुनावी को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चिप्स का पैकेट कितने का बिकता है..? उसमें आलू कितना होता..? आधा आलू होता है... उस चिप्स के पैकेट में से किसान को कितना मिलता है..? 50 पैसे, उससे भी कम...
राहुल उपाध्याय नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि सर, आपकी मशीन कब काम आएगी। उसी में डालकर आलू से सोना बना देना। धनतेरस के ऑफर भी दे दो सर, बहुत माल आएगा। सुधीर यादव नामक व्यक्ति ने लिखा कि बीजेपी के स्टार प्रचारक कांग्रेस की नैया डुबोते हुए। नसीब...इन्होंने इस बार आलू को मेड इन मध्यप्रदेश नहीं कहा।
मि. सिन्हा नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि जब सोनियाजी की सरकार थी तब 5 रुपए में से 6 रुपए किसानों को मिलते थे। राजीव जी की सरकार में तो चिप्स के पैकेट ही 20 पैसे के आते थे, मतलब किसानों को 30 पैसे ज्यादा दिए जाते थे। इंदिरा जी की सरकार में चिप्स के पैकेट बिकते ही नहीं थे, मतलब किसानों को फ्री में 50 पैसे दिए जाते थे।