मतलब जैसे ही यूजर इस फाइल पर क्लिक(जिसे वह समझता है कि कॉन्टेक्ट कार्ड है) करता है। बैच फाइल का कोड कंम्प्यूटर में चलने लगता है। किसी भी अटैक कर को यह कोड भेजने के लिए यूजर का फोन नंबर जानने बस की आवश्कता है। चेक प्वाइंट ने व्हाट्सएप की इस भूल का खुलासा 21 अगस्त को कर दिया था और व्हाट्सएप ने इस संबंध में वेब क्लाइंट्स के लिए अपडेट 27 अगस्त को रिलीज भी कर दी थी। यह अप-टू-डेट वर्जन v0.1.4481. है।