प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने इस सेवा के परिचालन की विस्तार से जानकारी के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), बैंकों और भारत सरकार के साथ मिलकर काम किया है। बदली नीतियों में व्हाट्सएप ने कहा है कि भुगतान सेवाओं का इस्तेमाल किए जाने पर वह अतिरिक्त जानकारियां भी संग्रह कर सकता है।
प्रवक्ता ने कहा कि हमने पारस्परिकता जैसी नई सुविधाएं शुरू की हैं, जो व्हाट्सएप भुगतान के उपयोक्ताओं और भीम-यूपीआई एप के उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारियां मांग सकता है। बदली नीतियों में कहा गया है कि व्हाट्सएप तब सूचनाएं जमा करता है, जब आप पैसे भेजते, मंगाते या अनुरोध करते हैं।
इन सूचनाओं में दिन, समय और लेन-देन का रेफरेंस नंबर शामिल है। इसके अलावा जब कोई अपने किसी व्हाट्सऐप कांटेक्ट को भुगतान करता है तब कंपनी भेजने और पाने वाले का नाम और उनका भीम-यूपीआई आईडी संग्रह करती है। व्हाट्सएप की भुगतान सेवा का देश में अभी करीब 10 लाख लोग परीक्षण कर रहे हैं। (भाषा)