किशोर लांडकर (27) नामक व्यक्ति के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं, अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम और सूचना प्रौद्योगकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। लांडकर ने प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
व्हाट्सऐप स्टेटस का उद्देश्य किसी व्यक्ति द्वारा परिचितों तक कुछ बात पहुंचाना होता है। यह और कुछ नहीं, बल्कि परिचित व्यक्तियों से संपर्क का एक तरीका है। दूसरों को कोई बात बताते समय जिम्मेदारी की भावना से व्यवहार करना चाहिए।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि मार्च 2023 में आरोपी ने अपना व्हाट्सऐप स्टेटस अपलोड किया, जिसमें उसने एक प्रश्न लिखा और स्टेटस देखने वालों से चौंकाने वाले परिणाम जानने के लिए गूगल पर इसे (प्रश्न को) सर्च करने को कहा।