न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे एक लेख के मुताबिक लोगों की फोन के प्रति बढ़ती दीवानगी ने डॉक्टरों की चिंता को बढ़ा दिया है, क्योंकि इससे उनकी उम्र कम हो रही है। रिचर्स के अनुसार लोग औसतन रोज 4 घंटे तक फोन में देखते रहते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार जैसे ही आप फोन के बारे में सोचते हैं, आपको तनाव महसूस होता है और फिर उसे कम करने के लिए अपना फोन चेक करते हैं, लेकिन फोन चेक करने से तनाव और बढ़ जाता है।
कोई परेशान करने वाला मैसेज, कोई छूटा हुआ कार्य या कोई डराने वाली हेडलाइन पढ़ते ही कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी होती है। धीरे-धीरे फोन की लत के कारण यह तनाव बढ़ता जाता है और हम असामयिक मृत्यु की ओर बढ़ जाते हैं।
स्टैनफोर्ड की मनोरोग विशेषज्ञ केली मैकगोनिगल के मुताबिक फोन की लत से छुटकारा पाने को माइंडफुलनेस (ध्यान लगाना) का अभ्यास करें। सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और महसूस करें कि आप सर्फिंग जैसा कोई मनोरंजक कार्य कर रहे हैं। अभ्यास से दिमाग पर नियंत्रण करें, जिससे आपकी फोन देखने की इच्छा कम होगी।