भगवान आदिनाथ का सप्तरंगी अभिषेक

- कलीमुद्दीन शेख
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बावनगजा में मंगलवार को भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पर सप्तरंगी अभिषेक के आयोजन ने श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभूति कराई। जिसने भी देखा वे चमत्कृत रह गए। अभिषेक को लेकर मामूली विवाद भी हुआ परंतु इसे जल्द ही सुलझा लिया गया।

निर्वाण लाडू चढ़ाने का कार्यक्रम प्रातः 8.30 बजे तय था, परंतु इसमें बदलाव करते हुए आचार्यों की आहारचर्या के बाद रखना निश्चित हुआ। उपाध्याय श्री गुप्तिसागरजी भी मौजूद थे। इसके पूर्व श्री जिनेंद्र पूजन स्तुति हुई। 11 बजे संतों के आने का क्रम शुरू हुआ। निर्वाण लाड़ू चढ़ाने के बाद वे कलश स्थल से चले गए, फिर अभिषेक प्रारंभ हुआ।

सर्वप्रथम जलाभिषेक किया गया। इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ हल्दी, कर्ण चूर्ण, लाल केशर, श्वेत कण, सर्वोसरी और दुग्धाभिषेक हुआ। सप्तरंगी अभिषेक में विदेश के भी श्रद्धालु शामिल हुए।
  बावनगजा में मंगलवार को भगवान आदिनाथ की प्रतिमा पर सप्तरंगी अभिषेक के आयोजन ने श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभूति कराई। जिसने भी देखा वे चमत्कृत रह गए। अभिषेक को लेकर मामूली विवाद भी हुआ परंतु इसे जल्द ही सुलझा लिया गया।      


गुवाहाटी से आए सौभाग्यमल जैन ने बताया कि आयोजन चमत्कृत कर देने वाला है। वे आयोजन में सपरिवार सहभागी बने। अमेरिका से आए इंजीनियर अभय सोनी ने बताया कि यूँ तो वे कई मर्तबा बावनगजा आए हैं, परंतु सप्तरंगी अभिषेक जीवन में पहली बार साक्षात देख रहे हैं।

सप्तरंगी अभिषेक के पूर्व ब्रह्मचारियों द्वारा अभिषेक को लेकर कुछ विवाद हुआ। आचार्यों द्वारा समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। इस संबंध में श्री बाबूलाल पाटोदी ने कहा कि विवाद हुआ था, परंतु सुलझा लिया गया। चर्चा में उपाध्यायश्री गुप्तिसागरजी ने कहा कि आयोजन बढ़िया रहा। सब कुछ मंगलमयी हुआ। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है।

मंगल कलश समिति के संयोजक हँसमुख गाँधी ने बताया कि 20 जनवरी से 4 फरवरी तक के आयोजन में करीब पाँच हजार कलशों की बुकिंग हुई। फिलहाल आय का आँकड़ा स्पष्ट नहीं है।