संत जन कहते हैं, आप अव्यय हैं... विभु-वैभवयुक्त हैं, आदि ब्रह्म हैं, अनंत-ईश्वर हैं, अनंगकेतु हैं, योगीश्वर हैं, अनेक योगरूप हैं, एक ज्ञानस्वरूप हैं! (शायद कौन-सी तुलना आपमें घटित नहीं होगी?)
आप बुद्ध हैं- बुद्धिनिधान देवों से अर्चित होने के कारण! आप शंकर हैं- तीन भुवन को शांति प्रदान करने के कारण! आप धीर हैं- मुक्ति मार्ग का प्रवर्तन करने के कारण! हे भगवन्त! आप सचमुच पुरुष-श्रेष्ठ हैं।