बावनगजा। भगवान आदिनाथ के छठे महामस्तकाभिषेक में बावनगजा तीर्थ गगनभेदी जयकारों से गूँज उठा। एक हजार आठ इंच की प्रतिमा के समक्ष स्वस्तिक आकार में एक सौ आठ मंगल कलश शोभायमान थे। सुबह ग्यारह बजे प्रथम अभिषेक हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कांतिलाल भूरिया विशेष रूप से उपस्थित थे।
शाकाहाररत्न उपाध्यायश्री गुप्तिसागरजी महाराज ने हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम फकीर लोग तो आते-जाते रहते हैं, परंतु बावनगजा तीर्थ स्थल का उन्नयन होना चाहिए। रेलवे लाइन को बड़वानी में लाने का प्रयास हो। सोमवार को औपचारिक रूप से मस्तकाभिषेक का आयोजन हुआ। प्रथम अभिषेक का अवसर इंदौर के दिग्विजयसिंह और श्रीमती सुमन जैन को मिला।
उधर पार्श्वगिरि पर आचार्यश्री सिद्धांतसागरजी ससंघ विराजमान हैं। वे मंगलवार को दोपहर 3 बजे भगवान पार्श्वनाथ की 5 फुट ऊँची प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करेंगे।
समारोह में आदिवासी कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती रंजना बघेल व जेल मंत्री श्री अंतरसिंह आर्य भी उपस्थित थे। कलश व्यवस्था समिति अध्यक्ष गुलाबचंद बाकलीवाल ने बताया कि 5 फरवरी के सप्तरंगी अभिषेक में बोलियाँ नहीं लगाई जाएँगी। ब्रह्मचारी इस आयोजन को संपन्न कराएँगे। प्रातः 8.30 बजे निर्वाण लाडू चढ़ाया जाएगा। इसके बाद सप्तरंगी अभिषेक होगा। आयोजन के समापन के बाद प्रति रविवार मस्तकाभिषेक किया जाएगा। यह करीब 4-5 सप्ताह के लिए प्रस्तावित है।
पार्श्वगिरि में पंचामृत अभिषेक उधर पार्श्वगिरि पर आचार्यश्री सिद्धांतसागरजी ससंघ विराजमान हैं। वे मंगलवार को दोपहर 3 बजे भगवान पार्श्वनाथ की 5 फुट ऊँची प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करेंगे।
क्षेत्र के अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन ने धर्मावलंबियों से अभिषेक समारोह को सफल बनाने का आह्वान किया है।