श्री जिनवर स्तुति
जैन धर्म आनंद के आंतरिक स्रोतों की खोज-यात्रा है। सामान्यतः लोग पदार्थ प्राप्ति के आनंद के पीछे दौड़त...
पर्युषण जैन धर्म का एक ऐसा सौभाग्यशाली पर्व है, जिसमें दोनों सिरों पर क्षमा उपस्थित है। एक उत्तम क्ष...
24 तीर्थंकरों के नाम
संत कमल के पुष्प के समान लोकजीवन की वारिधि में रहता है, संवरण करता है, डूबकियां लगाता है, किंतु डूबत...
पुरुषों को भगवान की दाहिनी तरफ एवं स्त्रियों को भगवान की बायीं तरफ खड़े रहकर दर्शन करना चाहिए। फिर ...
पत्थर-सा दिल मेरा प्रभुवर कोमल फूल बना दो । सूने मेरे मन-मंदिर में स्नेह के दीप जला दो । तुम बिन मेर...
जिनके चरणों में झुके हुए देवों के मुकुट की मणियाँ इतनी तो झिलमिला रही हैं कि मानों पाप के तिमिर को च...
राजा भरत जब दिग्विजय करके लौटे, तो उन्होंने सोचा कि दूसरे के उपकार में मेरी सम्पत्ति का उपयोग कैसे ह...