3. उनके जन्म के समय चंद्रमा के समान रंग होने के कारण आपका नाम चंद्रप्रभु रखा गया।
4. आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु को गर्भ के समय से ही 'मति ज्ञान, श्रुत ज्ञान और अवधी ज्ञान' इन 3 प्रकार का आध्यात्मिक ज्ञान था।
5. उन्होंने पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को दीक्षा ग्रहण की थी।
6. भगवान चन्द्रप्रभु जी को फाल्गुन कृष्ण सप्तमी को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
7. जैन धर्मावलंबियों के अनुसार चन्द्रप्रभु जी के प्रतीक चिह्न- अर्द्धचन्द्र, चैत्यवृक्ष- नागवृक्ष, यक्ष- अजित, यक्षिणी- मनोवेगा है।
10. इस वर्ष भगवान चन्द्रप्रभु की जयंती 7 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है।
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