1. श्वेतांबर समाज 8 दिन तक पर्युषण पर्व मनाते हैं जिसे 'अष्टान्हिका' कहते हैं जबकि दिगंबर 10 दिन तक मनाते हैं जिसे वे 'दशलक्षण' कहते हैं। इस दशलक्ष्ण के व्रत प्रारंभ होने से पूर्व रोटीतीज का पर्व मनाया जाता है। 3 से 10 सितंबर तक श्वेतांबर और 10 सितंबर से दिगंबर समाज के 10 दिवसीय पयुर्षण पर्व की शुरुआत है।
3. घरों में रोट, खीर, रायता, तरोई व पचकुटे की सब्जी बनती है। इस दिन रोट के साथ खासकर तुरई की सब्जी और चावल की खीर बनाई जाती है।