‘संथारा’ के समर्थन में जैन समुदाय सड़क पर उतरा

इंदौर। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा जैनों के ‘संथारा’ (प्राण त्यागने के लिए किया जाने वाला उपवास)  को अवैध बताए जाने के बीच इस समुदाय के सैकड़ों लोगों ने इस विवादास्पद धार्मिक प्रथा के समर्थन में  सोमवार को यहां सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों में शामिल जैन युवक संघ के अध्यक्ष और स्थानीय भाजपा पार्षद दीपक जैन ‘टीनू’ ने  कहा कि आत्महत्या और संथारा में फर्क समझा जाना चाहिए। संथारा, आत्महत्या हरगिज नहीं है।
 
उन्होंने रीगल चौराहे पर ‘संथारा’ के समर्थन में किए गए प्रदर्शन के दौरान कहा ‍कि कोई व्यक्ति आमतौर पर आत्महत्या तब करता है, जब वह किसी दु्:ख या मजबूरी से घिरा हो, जबकि जैन समुदाय में संथारा  के जरिए प्राण त्यागने का फैसला स्वेच्छा से और सबके सामने किया जाता है।
 
राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 अगस्त को ‘संथारा’ को  अवैध करार दिया था। इसके साथ ही, जैनों की इस धार्मिक प्रथा को भारतीय दंड संहिता की धारा 306  (आत्महत्या के लिए उकसाना) तथा धारा 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत दंडनीय बताया था।  (भाषा) 

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