चुनाव में शगुन को 29,053 वोट मिले और उन्होंने किचलू को 521 वोटों के मामूली अंतर से हराया। पूरी मतगणना प्रक्रिया के दौरान उन्होंने बढ़त बनाए रखी। नेकां उम्मीदवार किचलू ने 2002 और 2008 में इस सीट से जीत दर्ज की थी। उनके पिता ने भी इस सीट का 3 बार प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें कुल 28,532 मत मिले। पीडीपी के फिरदौस अहमद टाक को केवल 997 मतों से संतोष करना पड़ा और उनकी जमानत जब्त हो गई।
शगुन ने कहा कि किश्तवाड़ के सामने मौजूद ऐतिहासिक चुनौतियों को देखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि लोगों के लिए मेरा संदेश है कि वे क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रयास करें। मैं क्षेत्र की सुरक्षा के लिए काम करूंगी।
किश्तवाड़ में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता एकत्रित हुए और उन्होंने पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और पार्टी के झंडों के साथ शगुन की जीत का जश्न मनाया। उन्होंने पद्दार नागसेने निर्वाचन क्षेत्र में सुनील शर्मा की जीत का भी जश्न मनाया और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। भाजपा ने 29 वर्षीय शगुन को आतंकवादी हमले में अपने पिता और चाचा को खोने के 5 साल बाद मैदान में उतारा था। छात्र जीवन में जमीनी स्तर पर काम करने के बावजूद वे पहले राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल नहीं थीं।(भाषा)(फोटो सौजन्य : ट्विटर)