Amarnath Yatra News: जम्मू की रहने वाली ज्योति (Jyoti) ने 2015 में एक दुखद रेल दुर्घटना (train accident) में अपने दोनों पैर खोने के बावजूद अविश्वसनीय दृढ़ संकल्प दिखाते हुए पवित्र अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) शुरू की। अपनी समर्पित मां के साथ ज्योति ने अप्रत्याशित इलाकों व खराब मौसम में निडरता से यात्रा की। कश्मीर पहुंचने के लिए 9 दिनों की अथक यात्रा के दौरान एक विकलांग तिपहिया साइकल पर जोखिमभरी सड़कों से वे बिलकुल नहीं डरीं और न ही उसने हिम्मत हारी।
ज्योति ने प्रेरक भावना प्रदर्शित करते हुए कहा था कि मुझे रास्ते में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन अमरनाथ की पवित्र गुफा की यात्रा करने के मेरे अटूट दृढ़ संकल्प ने मुझे दृढ़ रहने की ताकत दी। अगर मैं बिना पैरों के भी इस तीर्थयात्रा पर जा सकती हूं, तो मैं सभी से खुद पर विश्वास करने और उन्हें पूरा करने का प्रयास करने का आग्रह करती हूं।
ज्योति ने प्यार और दृढ़ संकल्प की शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जोर दिया और कहा कि हम इस पवित्र यात्रा पर एक साथ चल रहे हैं। हमारा बंधन भौतिक सीमाओं से परे है और मैं चाहती हूं कि हर कोई यह समझे कि अटूट दृढ़ संकल्प के साथ कुछ भी असंभव नहीं है। ज्योति और उनकी मां उनकी तीर्थयात्रा के दौरान भारतीय सेना द्वारा प्रदान की गई सुरक्षित यात्रा के लिए गहरा आभार व्यक्त करती हैं।