cloudburst in leh: 10 सालों के बाद एक बार फिर बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख (Ladakh) के लेह कस्बे में बादलों और बारिश ने कहर बरपाया है। लेह (Leh) शहर में लगातार बारिश के बीच बादल फटने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। इससे आवाजाही प्रभावित होने के साथ जनजीवन ठप पड़ गया है। लेह के पहाड़ों में बादल फटने के कारण तेजी से पानी लोगों के घरों की तरफ भी आ गया।
जबर्दस्त तबाही ने 7 अगस्त 2010 को फटने बादल बादल की यादें ताजा कर दी हैं, जब 130 लद्दाखी मारे गए थे। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के मुख्य बाजार लेह में रात के दौरान अचानक आई बाढ़ ने दुकानों और अन्य आवासीय संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। बादल फटने से मुख्य बाजार से 1 किमी दूर होर्जी गांव प्रभावित हुआ है। पानी और मिट्टी रिहायशी इलाकों और मुख्य बाजार की ओर आ गई है जिससे लोगों को रात के समय अपने घर छोड़कर सड़कों पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इलाके के आवासीय घरों के अलावा प्रसिद्ध लेह बाजार की कई दुकानों में कीचड़ और बाढ़ का पानी भर गया है, लेकिन सौभाग्य से अब तक किसी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। रामबन में भी भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन हो गया जिसके चलते आवाजाही बंद कर दी गई है।
अमरनाथ यात्रा का नया जत्था जम्मू से रवाना : वहीं अमरनाथ यात्रा का एक और नया जत्था जम्मू से रवाना हुआ था। 3,000 से अधिक अमरनाथ तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था शनिवार को यहां आधार शिविर से कश्मीर के लिए रवाना हुआ, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अधिकारियों द्वारा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद करने के बाद उनके काफिले को रामबन में रोक दिया गया।
जम्मू संभाग के डोडा में बादल फटने से सड़कें बह गई हैं। प्रदेश में एक बार फिर कई नदियां उफान पर हैं। डोडा जिले में आज सुबह कोटा नाले में बादल फटने की घटना सामने आई है।
बताया जा रहा है कि बादल फटने से भारी तबाही हुई है। थलीला-चिराला लिंक रोड का एक हिस्सा बह गया है जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस बीच शनिवार को तीसरे दिन भी डोडा और किश्तवाड़ जिलों के अधिकांश हिस्सों में मूसलधार बारिश जारी रही।
चिनाब, नीरू और कलनई नदी में जलस्तर बढ़ा : लगातार मूसलधार बारिश से चिनाब नदी और इसकी प्रमुख सहायक नदियों नीरू और कलनई में जलस्तर बढ़ गया है। डोडा में जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों, नालों और अन्य संवेदनशील स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।
अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि पत्थरों के गिरने के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को वाहन यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
एनएच-44 पर यातायात रोका : जम्मू-कश्मीर ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि मेहद में पत्थर गिरने और दलवास में सड़क पर अत्यधिक फिसलन के कारण एनएच-44 पर यातायात रोक दिया गया है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे टीसीयू से पुष्टि के बिना यात्रा न करें। ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि मार्ग को साफ करने का काम जारी है।
इस बीच मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश, गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि खासकर कठुआ जिले में कुछ बारिश भारी हो सकती है। उन्होंने कहा कि 23 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के छिटपुट स्थानों पर रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।