Pahalgam Attack: कभी गुलजार थी पर्यटकों से जन्नत ए कश्मीर, अब वीरानियों का थाम लिया दामन

सुरेश एस डुग्गर

शुक्रवार, 23 मई 2025 (12:17 IST)
One month of Pahalgam massacre: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) ने न केवल मासूम जिंदगियों को निगल लिया बल्कि जम्मू-कश्मीर के पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट दी है। कश्मीरियों की आशाएं अब सुरक्षा बहाल होने और देश-दुनिया के पर्यटकों के दोबारा लौटने पर टिकी हैं। लेकिन फिलहाल जन्नत-ए-कश्मीर (Jannat-e-Kashmir) सन्नाटे और डर के साए में जी रही है।
 
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले को 1 महीना बीत चुका है, लेकिन इसका खौफ अभी भी पूरे कश्मीर घाटी पर छाया हुआ है। इस हमले में 26 निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों को आतंकवादियों ने बेरहमी से गोली मार दी थी। अब जबकि गर्मी का मौसम अपने चरम पर है, तब भी जम्मू-कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर वीरानी और सन्नाटा पसरा हुआ है।ALSO READ: India Pakistan Ceasefire : 6 दिन में पहली बार कश्मीर में शांति से कटी रात
 
हमले ने इंसानियत को शर्मसार किया : टूर ऑपरेटर शौकत मीर के शब्दों में हमले ने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया बल्कि कश्मीर के हजारों लोगों की आजीविका छीन ली। होटल मालिकों, टैक्सी चालकों, दुकानदारों और स्ट्रीट वेंडर्स को भारी नुकसान हो रहा है। टैक्सी की किस्त भरना, ऑफिस किराया देना तक मुश्किल हो गया है।
 
दुकान में ताले लगाने की नौबत आ गई : डल झील के किनारे ड्राई फ्रूट और केसर बेचने वाले व्यापारी अली कहते थे कि इस मौसम में तो हमें 15 एक्स्ट्रा स्टाफ रखना पड़ता था, लेकिन इस बार दुकान में ताले लगाने की नौबत आ गई है। कई दिनों से कोई बिक्री नहीं हुई। श्रीनगर की डल झील, जो आमतौर पर गर्मियों में पर्यटकों से गुलजार रहती है, आज सूनी और शांत है। न तो शिकारे में बैठकर झील की सैर करते सैलानी दिखते हैं, न ही किनारे पर भीड़भाड़।ALSO READ: फारूक अब्दुल्ला बोले, जम्मू-कश्मीर में रातों-रात बदलाव की उम्मीद अवास्तविक
 
24 दिन से मेरा शिकारा वहीं खड़ा है : शिकारा चलाने वाले बिलाल के बकौल, पिछले 24 दिन से मेरा शिकारा वहीं खड़ा है, कोई सवारी नहीं। पिछले साल तो 3 शिफ्टों में हम लोग शिकारा चला रहे थे। डल झील के आसपास के होटल, हाउसबोट, रेस्टॉरेंट और दुकानें खाली पड़ी हैं। वहां जहां कभी टैक्सियों की लंबी कतारें हुआ करती थीं, आज पूरी सड़क वीरान पड़ी है, मानो कोई कर्फ्यू लगा हो।
 
सर्जिकल स्ट्राइक करके 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया : हालांकि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारत पर ड्रोन हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें नाकाम कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने सीमा पर संघर्षविराम का प्रस्ताव दिया।
 
श्रीनगर के लाल चौक जैसे सेल्फी हॉटस्पॉट और फोटोग्राफी स्थलों पर भी एक अजीब-सी खामोशी है। जहां हर दिन सैकड़ों पर्यटक तस्वीरें खींचा करते थे, वहां अब सन्नाटा है। कश्मीरी कहवा बेचने वाले सलामत रुंधे गले से कहते थे कि ऐसा सन्नाटा मैंने कोविड के समय के बाद पहली बार देखा है।ALSO READ: पाकिस्तान ने सीमाई इलाकों में सेना भेजी, जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य केंद्रों पर किया हमला
 
 वैसे कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद है। पुलिस के साथ-साथ सेना की भी भारी तैनाती है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और संवेदनशील इलाकों में सघन तलाशी अभियान चल रहा है। इसके बावजूद डर और असुरक्षा की भावना के चलते पर्यटक कश्मीर आने से कतरा रहे हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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