जम्मू। कश्मीर के परिदृश्य पर आतंकी एक बार फिर छाने लगे हैं। उन्होंने धमकियों और चेतावनियों का एक नया दौर आरंभ कर दिया है। इस बार वे स्थानीय अखबारों या टीवी व रेडियो का सहारा नहीं ले रहे बल्कि धमकी देने के लिए सोशल मीडिया को हथियार बना रहे हैं। उनके निशाने पर वे कश्मीरी पंडित कर्मचारी हैं जो पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में नौकरी कर रहे हैं। इन आतंकियों के लिए कश्मीर में बनाई जाने वाली आवासीय सुविधा भी उनके निशाने पर है।
लश्करे तौयबा का दाहिना हाथ माने जाने वाले टीआरएफ ने कश्मीर में नौकरी कर रहे कश्मीरी हिंदुओं को तो धमकाया ही है। साथ उनके लिए ट्रांजिट आवासीय कालोनियां बनाने वाले ठेकेदारों को भी धमकाया है। यह धमकी उस समय आई जब उपराज्यपाल मनोज सिन्हा उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा और बारामुल्ला में पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में नियुक्त होने वाले विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों के लिए तैयार की जा रही ट्रांजिट आवासीय सुविधाओं का जायजा ले रहे थे।
यही नहीं आतंकी संगठन टीआरएफ की ओर से पीएम पैकेज के तहत घाटी में तैनात कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों की एक और सूची इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने से इन कर्मियों में और दहशत बढ़ गई है। अब वे कश्मीर में जाकर नौकरी करने को तैयार नहीं हैं। इन कर्मियों को जैसे ही कल शाम को आतंकियों की सूची के बारे में पता चला तो उनके परिवार के सदस्य भी परेशान हो गए।
वेबसाईट पर टीआरएफ ने अपनी धमकी में कहा है कि कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों और अन्य गैर स्थानीय कर्मचारियों को बसाने के लिए जो कालोनियां बनाई जा रही हैं, वह उनका विरोध करते हैं।
कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी संगठन लोगों में डर पैदा करने के लिए आए दिन ऐसी धमकियां जारी करता रहता है। पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है। इससे निपटने के लिए समुचित कदम उठाए जा रहे हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। टीआरएफ ने यह धमकी इंटरनेट मीडिया पर अपने आनलाइन मुखपत्र कश्मीर फाइट्स के जरिए जारी की है।
इस मामले पर आल माईग्रांट इंप्लाइज एसोसिएशन कश्मीर के प्रधान रूबन सिंह का कहना है कि इंटरनेट मीडिया पर फिर से टीआरएफ ने 17 कर्मचारियों की सूची जारी की है। अब तक आतंकी पीएम पैकेज के 84 कर्मियों के नाम को इंटरनेट मीडिया पर डाल चुके हैं।
यह आतंकियों की खुली धमकी है और इससे इन कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। जिस तरह के हालत घाटी में बने हुए हैं, उसे देखते हुए अब कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का घाटी में जाकर नौकरी करना संभव नहीं। उन्होंने कहा कि आतंकियों की नजर हिंदू कर्मचारियों पर है और धीरे धीरे इनके नाम की सूची इंटर मीडिया पर डाल रहे हैं।