यात्रा पर आतंकी हमलों का खतरा : हालांकि अमरनाथ यात्रा के प्रति एक रिकॉर्ड सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने का वर्ष 2011 की यात्रा में बना था, जब रिकॉर्डतोड़ 6.35 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्रा में शिरकत की थी। हालांकि अब जम्मू संभाग में आतंकी हमलों के उपरांत प्रशासन को अमरनाथ श्रद्धालुओं की चिंता इसलिए सताने लगी है, क्योंकि अब खुफिया अधिकारी भी चेताने लगे हैं कि अमरनाथ यात्रा आतंकी हमलों से दो-चार हो सकती है।
इस बार की यात्रा 52 दिनों की : वैसे इस बार की यात्रा 52 दिनों की है और अभी यात्रा समाप्त होने में 41 दिन बाकी हैं। और प्रशासन की चिंता 41 दिनों तक इसमें उत्साह बरकरार रखने की भी है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि अमरनाथ यात्रा के प्रतीक हिमलिंग के पिघलने के बाद से ही यात्रा हमेशा ही ढलान पर आ जाती है और चिंता का विषय यह भी है कि इस बार भी भक्तों की सांसों की गर्मी से हिमलिंग कब का ही पिघल चुका है।
जानकारी के लिए वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2019 के आंकड़ों पर अगर एक नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2016 में, जब हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्यॉय बुरहान वानी की मौत हुई थी, सबसे कम 2.20 लाख श्रद्धालु यात्रा में शामिल हुए थे जबकि चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2008 में जब अमरनाथ भूमि आंदोलन को लेकर जम्मू में 2 माह तक लगातार आंदोलन, हड़ताल और कर्फ्यू लागू रहा था तब भी सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 5.50 लाख श्रद्धालुओं ने 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन किए थे। हालांकि इस आंकड़े पर आज भी संदेह व्यक्त किया जाता रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 तथा 2018 में क्रमशः 2.63, 5.50, 3.75, 4.59, 6.35, 6.20, 3.53, 3.72, 2.20, 2.60 तथा 2.85 लाख श्रद्धालुओं ने शिरकत की थी।