देवकी व वसुदेव पिछले जन्म में प्रजापति थे, तब उन्होंने भगवान की तपस्या की थी। भगवान के प्रसन्न होने पर वरदान में दोनों ने उनसे वर मांगा कि आप हमारे घर में पुत्र रूप में जन्म लें। दोनों के मनोरथ पूर्ण करने व धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि 12 बजे देवकी व वसुदेव के घर जन्म लिया।