जन्माष्टमी पर अपनी राशि अनुसार करें श्रीकृष्ण का श्रृंगार

माखनचोर, नंदकिशोर, देवकीनंदन, मुरली मनोहर, गोविंद, भक्त वत्सल श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपक्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी को रात्रि 12 बजे हुआ। 
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव हमें अपने पूरे परिवार के साथ आनंद से मनाना चाहिए। प्रात:काल स्नान करके घर स्वच्छ कर लड्डू गोपाल की मूर्ति को चांदी अथवा लकड़ी के पटिए पर स्थापित करना चाहिए। 
 
दीपक लगाकर पूजन की आरती तैयार कर लें तत्पश्चात श्रीकृष्ण को आसन पर बैठाकर आवाहन करके जल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद भगवान को वस्त्रादि पहनाकर कंकू, हल्दी, चावल, सिन्दूर, गुलाल आदि से पूजन करें, फिर फूलमाला पहनाएं व धूप-दीप बताकर भोग लगाएं, फिर आरती करें। 
 
यह संक्षिप्त पूजन करके भगवान को झूले में बैठा दें। रात्रि 12 बजे तक कीर्तन, भजन या जाप करें। रात्रि ठीक 12 बजे पुन: आरती करके श्रृंगार करें। श्रृंगार और भोग अपनी राशि अनुसार हो तो अनन्य फल प्राप्त होता है। 

मेष व वृश्चिक राशि वाले कृष्ण का श्रृंगार सिन्दूरी वस्त्र से करें व गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

वृषभ एवं तुला राशि वाले सफेद वस्त्र से श्रृंगार करें व माखन-मिश्री का भोग लगाएं। 

मिथुन व कन्या राशि वाले हरे वस्त्र से श्रृंगार करें व मक्खन बड़े का भोग लगाएं।
 

कर्क राशि वाले गुलाबी मोतिया रंग या लहरिया वस्त्र से श्रृंगार करें व पंचामृत और काजू का भोग लगाएं।

सिंह राशि वाले मेहरून वस्त्र से श्रृंगार करें व रबड़ी का भोग लगाएं।

धनु एवं मीन राशि वाले पीले वस्त्र से श्रृंगार करें व पीली मिठाई का भोग लगाएं। 

मकर व कुंभ राशि वाले नीले या आसमानी वस्त्र से श्रृंगार करें व बेसन से बनी वस्तु एवं नमकीन का भोग लगाएं।

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