माखनचोर, नंदकिशोर, देवकीनंदन, मुरली मनोहर, गोविंद, भक्त वत्सल श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपक्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी को रात्रि 12 बजे हुआ।
दीपक लगाकर पूजन की आरती तैयार कर लें तत्पश्चात श्रीकृष्ण को आसन पर बैठाकर आवाहन करके जल, दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद भगवान को वस्त्रादि पहनाकर कंकू, हल्दी, चावल, सिन्दूर, गुलाल आदि से पूजन करें, फिर फूलमाला पहनाएं व धूप-दीप बताकर भोग लगाएं, फिर आरती करें।
यह संक्षिप्त पूजन करके भगवान को झूले में बैठा दें। रात्रि 12 बजे तक कीर्तन, भजन या जाप करें। रात्रि ठीक 12 बजे पुन: आरती करके श्रृंगार करें। श्रृंगार और भोग अपनी राशि अनुसार हो तो अनन्य फल प्राप्त होता है।