विशेष है इस वर्ष की जन्माष्टमी, जानिए क्यों?

वर्ष, माह, पक्ष, तिथि और रात्रि का मध्यमान होता है भाद्र कृष्ण पक्ष। अष्टमी विशेष की महारात्रियां पूर्ण तिथियों में ही आती हैं। उपरोक्त समय के मध्यमान का महत्व बताने में और श्री कृष्ण का मूल महत्व बताने के लिए कृष्ण जन्म भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि अभिजीत योग में हुआ।
जन्माष्टमी को तंत्र की 4 महारात्रियों में से 1 माना गया है। इन्हीं शुभ योगों में होने के कारण इस वर्ष की जन्माष्टमी भी अति शुभ एवं सिद्धिदायक होगी। यह ऐसे योग हैं जिसमें जन्म लेने के कारण श्रीकृष्ण ने सभी राक्षसों एवं कामदेव का रासलीला में अहंकार तोड़ा।

विशेष रूप से इस रात्रि को शनि, राहु, केतु, भूत, प्रेत, वशीकरण, सम्मोहन, भक्ति और प्रेम के प्रयोग एवं उपाय करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। मुहूर्त हेतु रात्रि अभिजीत मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा। विशेष ज्योतिषीय जानकारी प्राप्त कर अनुष्ठान वैदिक विद्वान पंडित से करवाने चाहिए।

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