विष्णुजी ने द्वापर में माता देवकी के गर्भ से भाद्रपद की अष्टमी के दिन श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। इस अवतार में भगवन अपनी पूरी 24 कलाओं के साथ उत्पन्न हुए थे। जो सबको अपनी ओर आकर्षित करें वह है कृष्ण।
श्रीकृष्ण की भक्ति करने वाला प्राणी अपने समस्त सुख तो पाता ही है। अंत में विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है। प्रभु श्रीकृष्ण को भजने के लिए धन या दिखावे की आवश्यकता नहीं, मात्र मन निर्मल होना चाहिए।
जन्माष्टमी के पावन-पर्व पर अपने जन्म लग्न अनुसार करें श्रीकृष्ण की भक्ति :-