पंचामृत भगवान कृष्ण की सर्वश्रेष्ठ भोग रेसिपी।
Janmashtami Bhog Recipe : हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। और जन्माष्टमी पर प्रसाद के रूप में भगवान श्री कृष्ण को नैवेद्य या भोग में पंचामृत अवश्य चढ़ाना चाहिए। पंचामृत का अर्थ है 'पांच अमृत'।
पांचों प्रकार के मिश्रण से बनने वाले इस पंचामृत से श्री कृष्ण प्रसन्न होते है। यह व्यंजन दूध, दही, घी, शहद, शकर को मिलाकर बनाया जाता है। इस प्रकार दूध, चीनी, शहद दही और घी आदि पांच अमृतों को मिलाकर ही पंचामृत बनाया जाता है। पंचामृत का जहां धार्मिक महत्व है, वहीं यह स्वास्थ्य के लिए अमृत से कम नहीं है। पंचामृत का सेवन कई रोगों में लाभदायक और मन को शांति प्रदान करने वाला होता है। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना गया है।
आइए जानें पंचामृत बनाने की सरल एवं पारंपरिक विधि-
पंचामृत बनाने के लिए आपको 250 मिली गाय का ताजा दूध, 2 छोटे चम्मच पिसी हुई मिश्री, 1 चम्मच शहद, 1 चम्मच देशी घी, 2 चम्मच ताजा दही और 2-3 तुलसी के पत्तों की आवश्यकता होगी। पंचामृत बनाने से पहले आप सभी सामग्री को इकट्ठा करके रख लें। अब सबसे पहले गाय के ताजे दूध में पिसी मिश्री, शहद, दही एवं घी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। इसमें तुलसी के पत्ते मिलाएं। लीजिए भगवान श्री कृष्ण का नैवेद्य पंचामृत तैयार है।
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