जन्माष्टमी 2020 : अगर घर में है बाल गोपाल की प्रतिमा तो रखें इन 16 बातों का ध्यान
shri krishna janmashtami
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर घरों में बाल गोपाल की पूजा होती है। उनके लिए झूले सजाए जाते हैं। बाल गोपाल की पूजा में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। 16 बातें आपके काम की है...
सुबह जल्दी उठने के बाद सबसे पहले बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाना चाहिए।
बाल गोपाल की पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्रियों का शुद्ध होना जरूर है। इसलिए पूजा के बर्तन को जरूर साफ करें।
बाल गोपाल को साफ जल और गंगाजल से प्रतिदिन स्नान जरूर करवाना चाहिए।
स्नान करवाने के बाद चंदन का टीका लगाएं।
बाल गोपाल के कपड़ों को रोजाना बदलें।
इसके अलावा दिन के अनुसार अलग-अलग रंग वाले परिधान ही पहनाएं जैसे सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को नीला और रविवार को लाल पोशाक...
लड्डू गोपाल को मक्खन, मिश्री और तुलसी के पत्ते बहुत पसंद होता है। इसलिए भोग में रोजाना इसे जरूर शामिल करें।
रोजाना लड्डू गोपाल के श्रृंगार में उनके कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर होना चाहिए।
श्रृंगार के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की आरती उतारें फिर लड्डू गोपाल की।
आरती के बाद अपने हाथों से उन्हें भोग लगाएं, झूला झूलाएं और फिर झूले में लगे परदे को बंद करना ना भूले।
सुबह और शाम के दोनों वक्त लड्डू गोपाल की आरती और भोग लगाना जरूरी होता है।
शुभ अवसर और त्योहार पर उन्हें नए कपड़े और पकवान का भोग जरूर लगाएं।
बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाएं बिना खाना नहीं खाना चाहिए। उन्हें भोग लगाने के बाद भोजन प्रसाद बन जाएगा।
घर में बाल गोपाल हैं तो मांस-मदिरा का सेवन, गलत व्यवहार और अधार्मिक कार्यों से बचना चाहिए।
रात को सोने से पहले बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं।
होली, राखी, दीपावली,महाशिवरात्रि,रामनवमी और जन्माष्टमी जैसे प्रमुख त्योहार में इनकी विशेष रूप से पूजा करें।
जन्माष्टमी पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है।
जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा।
इस बार जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जो 13 अगस्त तक रहेगा।
पूजा का शुभ समय : 12 अगस्त को रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है।
तिथि नक्षत्र का संजोग नहीं मिलने के कारण 11 तथा 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
वैष्णव जन्माष्टमी के लिए 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है।
बुधवार की रात 12.05 बजे से 12.47 बजे तक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जा सकती है।