श्रीकृष्‍ण के रिश्तों की 20 रोचक बातें, जानकर हैरान रह जाएंगे

अनिरुद्ध जोशी

गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (18:30 IST)
भगवान श्रीकृष्ण ने हर रिश्ता बड़ी ही ईमानदारी से निभाया और हर रिश्तों को उन्होंने महत्व दिया। उनके कुछ रिश्ते बड़े उलझे हुए तो कुछ एकदम सुलझे हुए थे। आओ जानते हैं उनके रिश्तों की रोचक 20 बातें जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे। 
 
 
1. भगवान् श्री कृष्ण की परदादी 'मारिषा' व सौतेली मां रोहिणी (बलराम की मां) 'नाग' जनजाति की थीं। श्रीकृष्ण की और भी कई सौतेली माएं थी। उन्हें रोहिणी और यशोदा ने पाला था। यशोदा उनकी न तो सगी मां थीं और न ही सौतेली मां।
 
2. भगवान श्री कृष्ण से जेल में बदली गई यशोदापुत्री का नाम एकानंशा था, जो आज विंध्यवासिनी देवी के नाम से पूजी जातीं हैं। असल में वह योगमाया थीं।
 
3. श्रीकृष्‍ण के 6 भाइयों को कंस ने मार दिया था और सातवें भाई को योगमाया ने देवकी के गर्भ से निकालकर वसुदेव की दूसरी पत्नी रोहिणी के गर्भ में डाल दिया था। इस तरह देखा जाए तो बलराम जी श्रीकृष्‍ण के सगे भाई भी थे और सौतेले भी।
 
4. श्रीकृष्‍ण के सखा थे अर्जुन लेकिन अर्जुन उनकी बुआ कुंती के पुत्र होने के नाते वह उनका भाई भी था। दूसरी ओर श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा ने अर्जुन से विवाह किया था तो इस नाते से अर्जुन उनका जीजा भी था। 
 
5. दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा से श्रीकृष्ण के पुत्र सांब का विवाह हुआ था। इस नाते श्रीकृष्‍ण और दुर्योधन दोनों ही समधी थे।
 
6. श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां थीं- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा। उक्त सभी से उन्होंने अनोखी परिस्थिति में विवाह किया था। मित्रविन्द श्रीकृष्ण की बुआ राज्याधिदेवी की कन्या थी। राज्याधिदेवी की बहिन कुंति थी।
 
7. भगवान् श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा सहित राधा की अष्ट सखियां भी थीं। अष्टसखियों के नाम हैं- 1. ललिता, 2. विशाखा, 3. चित्रा, 4. इंदुलेखा, 5. चंपकलता, 6. रंगदेवी, 7. तुंगविद्या और 8. सुदेवी।
 
8. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार सखियों के नाम इस तरह हैं- चन्द्रावली, श्यामा, शैव्या, पद्या, राधा, ललिता, विशाखा तथा भद्रा। कुछ जगह ये नाम इस प्रकार हैं- चित्रा, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चम्पकलता, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रंगदेवी और सुदेवी। कुछ जगह पर ललिता, विशाखा, चम्पकलता, चित्रादेवी, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रंगदेवी और कृत्रिमा (मनेली)। इनमें से कुछ नामों में अंतर है।
 
9. भगवान श्रीकृष्ण के कई बाल सखा थे। जैसे मधुमंगल, सुबाहु, सुबल, भद्र, सुभद्र, मणिभद्र, भोज, तोककृष्ण, वरूथप, श्रीदामा, सुदामा, मधुकंड, विशाल, रसाल, मकरन्‍द, सदानन्द, चन्द्रहास, बकुल, शारद और बुद्धिप्रकाश आदि। उद्धव और अर्जुन बाद में सखा बने। बलराम उनके बड़े भाई थे और सखा भी।
 
10. कृष्ण के भाइयों में नेमिनाथ, बलराम और गद थे।
 
11. श्रीकृष्‍ण के माता पिता वसुदेव और देवकी थे, परंतु उनके पालक माता पिता नंदबाबा और माता यशोदा थीं। श्रीकृष्‍ण ने इन्हीं के साथ अपनी सभी सौतेली माता रोहिणी आदि सभी के सात बराबरी का रिश्ता रखा।
 
12. श्रीकृष्‍ण की बुआ कुंती और सुतासुभा थी। कुंती के पुत्र पांडव थे तो सुतासुभा का पुत्र शिशुपाल था।
 
13. श्रीकृष्ण ने अपने भांजे अभिमन्यु को शिक्षा दी थी और उन्होंने ही उसके पुत्र की गर्भ में रक्षा की थी।
 
14. कृष्ण की 3 बहनें थीं- एकानंगा (यह यशोदा की पुत्री थीं), सुभद्रा और द्रौपदी (मानस भगिनी)।
 
15. भगवान श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनी थे। उनका आश्रम अवंतिका (उज्जैन) में था। उनका अपने गुरु से भी अनोखा रिश्ता था।
 
16. सांदीपनी के अलावा उनके गुरु गर्ग ऋषि, घोर अंगिरस, नेमिनाथ, वेदव्यास आदि थे। 
 
17. यह भी कहा जाता है कि जैन परंपरा के मुताबिक, भगवान श्री कॄष्ण के चचेरे भाई तीर्थंकर नेमिनाथ थे जो हिंदू परंपरा में घोर अंगिरस के नाम से प्रसिद्ध हैं।
 
18. द्रौपदी से श्रीकृष्ण का अनूठा रिश्‍ता था। श्रीकृष्‍ण दौप्रदी को अपनी बहन समान ही मानते थे। दोनों का संबंध प्रगाढ़ था।
 
19.  कुंती श्रीकृष्ण के पिता वसुदेव की बहन और भगवान कृष्ण की बुआ थीं। कुंति का पुत्र होने के कारण कर्ण भगवान श्री कृष्ण का भाई था।
 
20. शिशुपाल श्रीकृष्‍ण की दूसरी बुआ का लड़का था जिसका श्रीकृष्ण ने वध कर दिया था। इसके अलावा श्रीकृष्ण को अपने मामा कंस का वध भी करना पड़ा था।

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