4.दक्षिणामुखी हनुमान
दक्षिण की तरफ जो मुंह है उसे 'भगवान नृसिंह' कहा गया है। यह रूप अपने उपासको को भय, चिंता और परेशानीयों से मुक्त करवाता है। दक्षिण दिशा में सभी तरह की बुरी शक्तियों के अलावा यह दिशा काल की दिशा मानी जाती है। यदि आप अपने घर में उत्तर की दीवार पर हनुमानजी का चित्र लगाएंगे तो उनका मुख दक्षिण की दिशा में होगा। दक्षिण में उनका मुख होने से वह सभी तरह की बुरी शक्तियों से हमें बचाते हैं। इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की साधना काल, भय, संकट और चिंता का नाश करने वाली होती है।