पं. ओम वशिष्ठ (भागवत मर्मज्ञ )
हनुमान जयंती पवनपुत्र हनुमान के जन्म की प्रसंग तिथि है। हनुमान शिव के ग्यारहवें अवतार के रूप में सर्वत्र पूजनीय हैं। चूंकि शिव भी राम का स्मरण करते हैं इसलिए उनके अवतार हनुमान को भी राम नाम प्रिय है। हनुमान बल और बुद्धि के देव हैं। रामकथा उनके बिना पूरी नहीं होती। वे धर्म में इस शिक्षा के साथ हैं कि अपनी बुद्धि और बल के गर्व से दूर रहते हुए, विनम्र होकर ही संसार का आदर प्राप्त किया जा सकता है।
हनुमान के संबंध में एक लोककथा है कि एक बार वे माता अंजनी को रामायण सुना रहे थे। उनकी कथा से प्रभावित माता अंजनी ने पूछा, "तुम इतने शक्तिशाली हो कि तुम पूंछ के एक वार से पूरी लंका को उड़ा सकते थे, रावण को मार सकते थे और मां सीता को छुड़ाकर ला सकते हो फिर तुमने ऐसा क्यों नहीं किया? अगर तुम ऐसा करते तो युद्ध में नष्ट हुआ समय बच जाता?