Bada mangal 2024: ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल कहते हैं। आखिर इसे बड़ा मंगल क्यों माना जाता है? दक्षिण भारत की मान्यता के अनुसार इन में से किसी एक मंगलवार को प्रभु श्रीराम और हनुमानजी का मिलन हुआ था और एक को हनुमानजी का जन्म। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। आओ जानते हैं इस संबंध में पौराणिक कथा।
1. महाभारत काल में एक बार भीम श्वेत कमल की तलाश में गंधमादन पर्वत पर चले गए वहां उन्होंने एक बुढ़े वानर को रास्ते में लेटे हुए देखा और उससे अपनी पूंछ हटाने के लिए कहा। हनुमानजी ने कहा कि यदि तुम ताकतवर हो तो तुम्हीं हटा लो। भीम ने अपनी पूरी शक्ति से पूंछ हटाने का प्रयास किया लेकिन नहीं हटा पाया। भीम का घमंड चूर चूर हो गया। जब यह घटना घटी थी तब मंगलवार था। इसीलिए इस मंगलवार को बुढ़वा मंगल कहा जाता है।
क्यों कहते हैं बड़ा मंगलवार : ज्येष्ठ मास के इस मंगलवार को हनुमान जी को अमरत्व का वरदान मिला था, इसी कारण ज्येष्ठ के मंगल को बड़ा मंगल और बूढ़वा मंगल कहते हैं। उत्तरप्रदेश में ज्येष्ठ मास में आने वाले हर मंगलवार को बहुत ही शुभ माना जाता है उनमें भी पहले आने वाले मंगलवार को विशेष मान कर पूजा-अर्चना की जाती है। वैसे तो पूरे ज्येष्ठ मास में हनुमान मंदिर सजे रहते हैं और हर मंगलवार को जगह-जगह पर भंडारे लगते हैं पर बड़ा मंगलवार की बात खास है। यह दिन केवल एक ही धर्म का परिचायक नहीं है बल्कि सर्वधर्म एकता का प्रतीक है।
इतिहास : कुछ लोगों के अनुसार बड़ा मंगलवार की शुरुआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा एक बार गंभीर रूप से बीमार हो गया। उनकी बेगम रूबिया ने कई जगह उसका इलाज करवाया, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। लोगों ने उन्हें बेटे की सलामती के लिए लखनऊ के अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर में मन्नत मांगने को कहा। यहां मन्नत मांगने पर नवाब का बेटा स्वस्थ हो गया।