Hanuman Mantra : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का उत्सव मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर उनकी विधिवत पूजा करने और उनके मंत्रों का जप करने से बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती हैं और सभी तरह के संकट दूर होते हैं। आओ जानते हैं कि ऐसे कौनसे 3 मंत्र है जिनकी ताकत से हनुमानजी अपने भक्त को दर्शन देने के लिए चले आते हैं।
पहला मंत्र:
कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु।
निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु।।
दूसरा मंत्र:
'ॐ हं हनुमते नम:।
तीसरा मंत्र:
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ
नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट
पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।
Hanuman janmotsav
श्री हनुमान कलयुग के शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं। मात्र स्मरण करने से ही वे कृपा करते हैं। पहले उपरोक्त मंत्रों को सिद्धि करना होता है। मंगलवार के दिन, जयंती के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में यथासंभव पूजन करें तथा नैवेद्य लगाएं। घर पर हनुमानजी का कोई भी चित्र लाल कपड़े पर रखकर पूजन करें। पूजन में चंदन, सिन्दूर, अक्षत, कनेर, गुड़हल या गुलाब के पुष्प प्रयोग करें। नैवेद्य में मालपुआ, बेसन के लड्डू आदि लें तब आरती कर संकल्प लेकर अपनी समस्या के अनुसार मंत्र जप करें।
पूर्वाभिमुख हो जप करें।
रुद्राक्ष माला, ब्रह्मचर्य व लाल वस्त्रासन का प्रयोग करें।
यथाशक्ति जप कर उपलब्ध साधनों से 1 माला हवन करें, मंत्र सिद्ध हो जाएगा।
उपरांत नित्य 1 माला कार्य होने तक करें, बीच में बंद नहीं करें।