साल 2009 जा रहा है व 2010 आने को है। इस वर्ष हम सभी ने महँगाई का स्वाद चखा, शेयर बाजार में भी उतार-चढ़ाव देखे। बेरोजगारों की संख्या बढ़ीं। आम जनता की दाल रोटी भी मुँह से गई तो ऐसा था 2009। सोचा था दोबारा कांग्रेस सत्ता में आई है तो निश्चित ही महँगाई पर कसेगी लगाम व युवा राहुल भी इस और देंगे ध्यान। लेकिन जिन सांसदों को सस्ती दाल-रोटी मिलती हो। अपनी सुविधा बढ़वाने में कोई हिचक ना हो वो भला किस महँगाई की परवाह करे।
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नववर्ष की बेला कैसी रहेगी? राजनीतिक सियासत में क्या होगा? आइए जानें, क्या कहते है राजनीति के लिए नववर्ष के सितारे। साल 2010 में मिथुन राशि पर नीचस्थ केतु के साथ चन्द्र का होना श्रीमती सोनिया गाँधी के लिए मानसिक चिन्ता का कारण बनेगा। स्वास्थ्य-मामलों में भी गड़बड़ स्थिति रह सकती है।
राशि स्वामी बुध वक्री होकर गुरु की राशि धनु में भाग्येश सूर्य एकादशेश व षष्टेश शुक्र के साथ नीचस्थ राहु के होने से अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इधर प्रधानमंत्री महोदय भी कुछ खास प्रभाव नहीं रख पाएँगे। उनके पद पर भी संकट आ सकता है।
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इधर ममता बेनर्जी जिनकी नाम राशि सिंह होने से सिर्फ अपनी कुर्सी से मतलब रखती नजर आएँगी। क्योंकि सूर्य, राहु से ग्रस्त होकर ग्रहण से पीड़ित है। नववर्ष का प्रारम्भ भी ग्रहण से हो रहा है।
वर्तमान भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी वृश्चिक राशि वाले होने से भाजपा में नई चेतना का संचार करेंगे। गडकरी के कार्यकाल में नवीन कार्य योजनाओं से पार्टी में जान आएगी। कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी की नाम राशि वृश्चिक होने से कुछ उम्मीद की किरण नजर आएगी। वर्ष में उनकी कभी भी ताजपोशी हो सकती है।
इधर कृषि मन्त्री की बिदाई के भी आसार नजर आ रहे हैं। ग्रहों के संकेत बताते हैं कि यही मंत्री बनें रहे तो महँगाई पर लगाम लगा पाना मुश्किल होगा। आने वाला साल राजनीतिक स्तर पर काफी संघर्षों से भरा रहेगा।