Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

WD Feature Desk

बुधवार, 3 सितम्बर 2025 (15:35 IST)
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Lunar eclipse 2025 India Sutak period: वर्ष का अंतिम 7 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और चंद्रमा एक ही राशि कुंभ में और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे, जिससे ग्रहण योग का निर्माण होगा। इससे पहले 14 मार्च 2025 को चंद्र ग्रहण लगा था जिसके चलते कई घटना-दुर्घटनाओं के साथ प्राकृतिक आपदाएं आई थी। इस बार भी यही आशंका जताई जा रही है।
 
चंद्र ग्रहण का प्रभाव: 
1.  कई ज्योतिषियों का मानना है कि यह चंद्र ग्रहण भारत की राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है, खासकर अगले 6 महीनों में। कुछ के अनुसार, यह केंद्र सरकार में बदलाव या स्थिरता पर संकट ला सकता है।
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2. कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव बढ़ता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस वजह से कुछ लोग इसे डर और तबाही से जोड़कर देखते हैं।
 
3. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान पूजा-पाठ, शुभ कार्य और भोजन करने की मनाही होती है। 
 
4. चंद्र ग्रहण का प्रभाव मानव मस्तिष्क पर और समुद्र पर ज्यादा देखने को मिलता है। ऐसे समय में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ जाएगी। प्रशात महासागर में समुद्री हलचल बढ़ जाएगी। कई देशों में गृहयुद्ध के भी आसर हैं।
 
5. चंद्र ग्रहण से समुद्र के भीतर भूकंप आते हैं और सूर्य ग्रहण से धरती पर। चंद्र ग्रहण से समुद्र और तटवर्ती क्षेत्रों में आपदा आती है तो सूर्य ग्रहण से धरती पर राजनीतिक उथल पुथल और प्राकृतिक आपदा आती है।
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6. ज्योतिष के अनुसार जब चंद्र और सूर्य ग्रहण 14 दिनों के अंतराल में आते हैं तो धरती पर बड़े भूकंप आते हैं। ग्रहण के 40 दिन पहले और 40 दिन बाद तक भूकंप का दौर जारी रहता है। जैसा कि हम वर्तमान में देख भी रहे हैं कि ग्रहण के कारण विश्व के कई क्षेत्रों में बड़े भूकंप आए हैं जिसके चलते हजारों लगों की जान चली गई।
 
कब से कब तक रहेगा चंद्र ग्रहण का समय: साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 रविवार को मध्यरात्रि 09:57 बजे शुरू होकर 08 सितंबर की मध्यरात्रि 1:26 बजे तक रहेगा। चन्द्र ग्रहण का पूर्ण प्रभाव प्रारम्भ: मध्यरात्रि 12:28 से तड़के 03:56 तक पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा। इसका सूतक काल भारत में 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा। ग्रहण के दौरान भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा रहेगी जबकि पितृपक्ष शुरु होगा। यह खग्रास चंद्र ग्रहण होगा।  
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चंद्र ग्रहण सूतक काल का समय: जहां पर भी यह चंद्र ग्रहण नजर आएगा वहां पर सूतक काल ग्रहण के 09 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। इस ग्रहण का सूतक काल भारत में 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा।
 
कहां नजर आएगा चंद्र ग्रहण: यह ग्रहण भारत में नजर आएगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा। भारत के अलावा यह संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा।

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