2010 : कैसा होगा नववर्ष भारत के लिए

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1 जनवरी 2010 को भारत के लिए गोचर कुंडली का अध्ययन करें तो मंगल नीच के होकर तृतीयस्थ है, शनि पंचम में भ्रमण कर रहे हैं, राहु धनु राशि के हैं, आठवें भाव में शुक्र व बुध के साथ मौजूद है, केतु द्वितीय भावस्थ है व गुरु दशम गोचर में मौजूद रहेंगे। मंगल भी नीचस्थ मई तक रहेंगे फिर चतुर्थ में जाएँगे।

आर्थिक स्थिति : महँगाई पर नियंत्रण मुश्किल ही प्रतीत होगा। योजनाओं के फलीभूत होने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक उन्नति की दर भी सामान्य ही रहेगी। मई के बाद गुरु का बल बढ़ने से आय के साधन बढ़ेंगे, कीमतों पर नियंत्रण संभव हो सकेगा।

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राजनीतिक स्थिति : राजनीतिक पटल दुविधाओं में घिरा रहेगा। बड़ी पार्टियों के बीच विविध मुद्‍दों योजनाएँ आकार नहीं ले पाएँगी। नाटकीय घटनाक्रम विवादित बयानबाजी जारी रहेगी। भ्रष्टाचार के, धोखाधड़ी के नए मामले उछलने की भी पूरी संभावना है।

कलाकार : कलाकारों के लिए वर्ष ठीक है। नवीन खोज, पुरस्कार आदि की घोषणाएँ होंगी। गीत, नृत्य, चित्रकला, लेखन के कलाकार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर गौरान्वित होंगे। किसी महत्वाकांक्षी फिल्म या कलाकार के विवादों में फँसने, मुकदमेबाजी के भी योग हैं।

सामान्य स्थिति : जनता में साधारणत: असंतोष व्याप्त रहेगा। किसी विघटन, बड़ी दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के भी संकेत मिलते हैं। नौकरीपेशा व्यक्तियों में भी सामान्य संतोष का अभाव रहेगा। मई के बाद स्थिति में सामान्य सुधार अपेक्षित है।

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