संत अच्युतानंद दास की भविष्य मालिका की 25 भविष्यवाणियां

WD Feature Desk

सोमवार, 16 जून 2025 (15:15 IST)
bhavishya malika in hindi: ओड़िसा में पंचसखा हुए हैं यानी पांच मित्र। यह पांचों मित्र संत थे जिनमें से एक है संत अच्युतानंद दास। अच्युतानंद दास का जन्म 10 जनवरी 1510 को ओड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में हुआ था और उनका निधन 1631 में हुआ था। यानी आज से 515 साल पहले उनका जन्म हुआ था। संत अच्युतानंद दास जी ने हरिवंश, केबार्ता गीता, गोपलंकाओगलाब, गुरु भक्ति गीता, अनाकार संहिता, 46 पटल आदि शामिल है। उन्होंने भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्यकाल पर अलग अलग रचनाएं भी की हैं जिन्हें मालिका के नाम से जाना जाता है। भविष्यकाल पर की गई रचना को भविष्य मालिका कहने लगे हैं कहते हैं कि संत अच्युतानंद दास ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर को केंद्र में रखकर कई भविष्‍यवाणियां की है। आओ जानते हैं उनकी 25 भविष्यवाणियां।
 
जगन्नाथ पुरी का मंदिर: भविष्य मालिका के अनुसार धरती 3 चरणों से गुजर रही है। पहला कलयुग का अंत होगा, दूसरा महाविनाश होगा और तीसरा आएगा एक नया युग। मान्यता है कि पुरी के जगन्नाथ से जो भी शुभ या अशुभ संकेत मिलते हैं, वह पूरे जगत में होता है। इसी वायरल हो रही भविष्य मालिका के अनुसार जब भगवान जगन्नाथ का अपमान होगा, मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी, जगन्नाथ पुरी मंदिर के पत्थर गिरेंगे, ओडिशा में चक्रवाती तूफान से कल्पवृक्ष यानी पवित्र बरगद का पेड़ गिर जाएगा, तब लोग मरने लगेंगे। जगन्नाथ मंदिर का झंडा कई बार गिरेगा और एक चक्रवाती तूफान के कारण झंडा समुद्र में जा गिरेगा। जगन्नाथ मंदिर का सुदर्शन चक्र तूफान से टेढ़ा हो जाएगा। जगन्नाथ पुरी के मंदिर के झंडे में आग लग जाएगी। मंदिर परिसर में त्रिदेव के ऊपर जो कपड़ा है, उसमें आग लग जाएगी। मंदिर के शिखर पर एकाश्म स्तंभ पर गिद्ध बैठेगा। जगन्नाथ के मंदिर में बार-बार रक्तपात होगा, खून के धब्बे मिलेंगे। जब ऐसे होगा तो समझना की कलयुग के अंत की शुरुआत हो चुकी है। उपरोक्त प्रत्येक घटना से एक भविष्यवाणी भी जुड़ी है।ALSO READ: भविष्य मालिका की भविष्यवाणी होगी सच, पाकिस्तान के होंगे 4 टुकड़े?
 
1. किसान खेती का काम बंद कर देंगे और जंगली जानवर गांव और शहर पर हमला करना शुरू कर देंगे।
 
2. बदल जाएगी धरती की धुरी। इसके बाद कई भूंकप आएंगे।
 
3. आसमान में दो सूर्य निकलने का आभास होगा। यह आसमानी पिंड होगा, जो बंगाल की खाड़ी में गिरेगा और ओडिशा जलमग्न हो जाएगा।
 
4. समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा और जगन्नाथ मंदिर की 22वीं सीढी तक पानी आ जाएगा। तब भगवान के विग्रह को उनके भक्त छातियाबटा ले जाएंगे।
 
5. धरती पर हो रहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण धरती पर 7 दिनों तक अंधेरा रहेगा। कहा जा रहा है कि यह घटना 2022 से 2029 के बीच होगी।
 
6. एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर होगा महायुद्ध। तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी। शनि मीन योग में तबाही होगी।
 
7. तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 माह तक चलेगा। चीन 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर भारत पर हमला कर देगा। आखिरी के 13 माह भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्‍व गुरु भी बन जाएगा।
 
8. भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्‍व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा। 
 
9. उस वक्त ओडिशा का अंतिम राजा गजपति महाराज होगा। इसी दौरान भगवान कल्कि प्रकट होंगे, जो युद्ध में भारत का साथ देंगे।
 
10. अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। 
 
11. चीन के कई टुकड़े हो जाएंगे। 
 
12. पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लड़ने वाली शक्ति कमजोर और दयनीय हो जाएगी। 
 
13. रूस एक हिन्दू देश बन जाएगा। रशिया से लड़ने वाला योरप युद्ध लड़ने लायक नहीं रहेगा। युरोप की लगभग सभी आबादी नष्ट हो जाएगी। अंत में रूस सफलता प्राप्त करेगा। विजयी रूस को आगामी अवतार वश में करेगा।
 
14. लोग कीट-पंतंगों की तरह मरेंगे और विश्व की जनसंख्या 64 करोड़ ही रह जाएगी।
 
15. भविष्य मालिका के अनुसार 2025 के बाद का समय एक विभिषिका के समान होगा। वहीं लोग बचेंगे तो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे।
 
16. भारत के संदर्भ में कन्नड़ में लिखी भविष्वाणी के अनुवाद में यह कहा जाता है कि 6 और 7 का जोड़ 13 होता है और इसी में 13 और मिलाने से 26 अंक आता है। इसी 26 अंक के माध्यम से अच्युतानंद दास ने भारत पर होने वाले हमले के बारे में भविष्वाणी की है। शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे। साल 2025 में शनि कुंभ से निकलकर मीन राशि में जाने वाले हैं।
 
17. शनि के मीन में जाने से वह वहां ढाई वर्ष तक रहेगा। भविष्यवाणी के अनुसार एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा।
 
18. जगन्नाथपुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण होगा। ओड़ीसा का अंतिम राजा एक बालक वृद्ध होगा। यानी बालबुद्धि होगा। भगवान जगन्नाथ के धाम पुरी मंदिर के उपर से पत्‍थर नीचे गिरेंगे और मंदिर का ध्वज कई बार गिरेगा। इस दौरान प्राकृतिक आपदा के चलते भारतवर्ष में नीलंचल (जगन्नाथपुरी) समुद्र के गर्भ में विलीन हो जाएगा। 
 
19. बुजुर्गों और शिक्षकों को निरादर होगा वहीं पाखंडी लोग धर्मगुरु बनकर लोगों को छलेंगे। भविष्य में लोगों के मन में धर्म, संवेनदनशीलता, प्रेम और संस्कार खत्म हो जाएंगे। नेक और धार्मिक भक्तों का मजाक उड़ाया जाएगा।
 
20. धीरे-धीरे आस्तिकों की संख्‍या घटेगी और यह दुनिया आस्तिकों और नास्तिकों के बीच विभाजित हो जाएगी। इंसान व्यभिचारी हो जाएंगे। पुरुष का पुरुष से और महिला का महिला से अप्राकृतिक संबंध बनेगा। 
 
21. इंसान के घर पर जानवरों का हमला होगा। आए दिन इंसान और जानवरों में भिड़ंत होते हुए देखेंगे। शहरों में जंगली जानवर घूमते रहेंगे।
 
22. प्राकृति आपदाएं तबाही मचाएगी, विचित्र महामारी और बीमारियां से जनता त्रस्त रहेगी। हवाएं लोगों को बहुत परेशान करेगी।....महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि जनता सड़पर आंदोलन करेंगे।
 
23. कलयुग के अंत के समय जीवन देने वाला सूर्य जीवन लेने वाला बन जाएगा। महागुप्त पद्म कल्प के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपने हाथ में 12 हाथ की खड़ग लेकर पूरी धरती पर भ्रमण करके समस्त मलेच्छ लोगों को संहार करेंगे। जब सभी का संहार हो जाएगा तभी कलियुग का अंत हो जाएगा। भगवान कल्कि संभल ग्राम में होगा। संभल ग्राम उत्तर प्रदेश में भी है और उड़िसा में ही है। कल्कि भगवान का नाम चक्रमणी या चक्रधर होगा। उनके पिता के नाम विष्णुशर्मा होगा। 
 
24. महाभारत के युद्ध को लेकर भी उनकी भविष्वाणी वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि महाभारत के युद्ध के समय कई लोग किसी कारणवश इस युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। वे सभी योद्धा युद्ध लड़ना चाहते है और अब उनकी यह इच्छा कलयुग के अंत में पुरी होगी जबकि कल्कि अवतार का जन्म होगा। भगवान बलराम भी युद्ध में भाग नहीं ले पाए थे। बलरामजी को ही जगन्नाथपुरी में बलबद्र के नाम से जाना जाता है। कलयुग के अंत में बलरामजी प्रकट होंगे। और कलयुग के अंत में महाभारत का अधुरा युद्ध फिर से लड़ा जाएगा।
 
25. युद्ध के बाद कई वर्षों तक बारिश और सूखे का राज्य रहेगा। वर्ष 2034 तक कलयुग समाप्त हो जाएगा सतयुग का प्रारंभ होगा। इसके बाद 1,000 साल तक शांति का युग बना रहेगा।
 
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