भाग्य-वैदिक वार्षिक भविष्यफल 2010

मेष (21 मार्च-20 अप्रैल)
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जनवरी में ग्रहण के प्रभाव से मानसिक अस्थिरता, धन की कमी, प्रेम-दांपत्य व व्यापारिक संबंधों में तनाव रहेगा। यह समय 6 फरवरी तक प्रभावी रहेगा। इस बीच राजनीति, खेल, चिकित्सा, संपत्ति व संतान के लिए शुभ समय। 13 फरवरी से 10 मार्च के मध्य कानूनी, कर, व्यापार, आर्थिक तथा शिक्षा क्षेत्रों में अशुभ फलदायी। साधारण रूप से 17 मई तक मिश्रित प्रभाव व थकाने वाला समय। मई से जुलाई में उत्थान होगा। हर क्षेत्र में सफलता। 25 जून तथा 12 जुलाई के ग्रहणों के प्रभाव से माता-पिता तथा संतान के स्वास्थ्य की चिंता रह सकती है। 13 सितंबर से कार्यक्षेत्र एवं धन में संघर्ष के बाद सफलता। सितंबर से दिसंबर तक उच्च सफलता।

वृषभ (21 अप्रैल-20 मई)
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15 जनवरी का ग्रहण पारिवारिक, आर्थिक, स्वास्थ्य आदि संबंधी चिंता का कारक हो सकता है लेकिन 27 मार्च तक पैतृक-अर्जित संपत्ति, दांपत्य, प्रणय, व्यापारिक संबंधों के लिए शुभ। मध्य फरवरी से मार्च तक अशुभ घटनाओं के प्रति सावधान रहें। 17 मई से सितंबर के प्रथम सप्ताह तक दांपत्य, पारिवारिक, प्रणय संबंधों में व्यय, गलतफहमी व अन्य कारणों से तनाव। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की आशंका। इसमें भी 26 जून एवं 12 जुलाई के ग्रहण आग में घी का काम करेंगे। 6 सितंबर से 3 नवंबर के मध्य कार्यक्षेत्र एवं स्वास्थ्य के बढ़ते तनाव से निपटने के लिए निर्णय टालना शुभ। 3 नवंबर से दिसंबर अंत तक का समय हर क्षेत्र में शुभ।

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मिथुन (21 मई-20 जून)
15 जनवरी के ग्रहण स्वास्थ्य, बढ़ते व्यय, संतान तथा प्रणय-दांपत्य-व्यापारिक संबंधों को मार्च मध्य तक उलझाने में सक्षम। शनि का भ्रमण मई मध्य में कार्यक्षेत्र व निवासस्थान में परिवर्तन का संकेत देता है। अस्थमा व मधुमेह तथा दुर्घटना के प्रति 20 अक्टूबर तक सावधानी रखें। 26 जून और 12 जुलाई के ग्रहणों के कुप्रभाव को नियंत्रित करने के लिए पूजा सहायक होगी। 3 सितंबर से 3 नवंबर तक जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण क्षेत्र में परिवर्तन न करें। मई से दिसंबर तक धन की स्थिति नियंत्रण में रहेगी। नवंबर-दिसंबर में शुभ यात्राएँ तथा विरोधियों व रोगों पर विजय का होगा। विवाह तथा नए व्यापार व कार्यक्षेत्र में शुभ परिवर्तन का समय।

कर्क (21 जून-20 जुलाई)
एक जनवरी व 15 जनवरी के ग्रहणों के फलस्वरूप रोग, विरोधियों पर विजय के संकेत लेकिन माता-पिता के स्वास्थ्य, संपत्ति, जवाहरात, मीडिया, किराए की आय जैसे मुद्दे निराश कर सकते हैं। प्रणय संबंधों, नेत्र, पीठ व हड्डी के रोग व मधुमेह से परेशानी हो सकती है। फरवरी मध्य से मार्च मध्य में कानूनी व वित्तीय क्षेत्रों में तनाव हो सकता है पर वर्षारंभ से जून तक प्रसाशनिक सेवा, राजनीति आदि में ग्रहस्थिति। दूरगामी परिवर्तन से परहेज करें। 26 जून तथा 12 जुलाई के ग्रहण तथा मंगल की स्थिति से आर्थिक अस्थिरता व पारिवारिक तनाव। 13 सितंबर से 3 नवंबर तक दुर्घटना व स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। नवंबर-दिसंबर भाग्योदय का माह।

सिंह (21 जुलाई-20 अगस्त)
इस राशि पर शनि, राहु व मंगल की ग्रहस्थिति प्रतिकूल है। 17 मई तथा वर्षारंभ से चंद्रग्रहण तक का समय रुके धन व विदेश, शेयर मार्केट से प्राप्ति का होगा लेकिन संतान तथा माता-पिता के स्वास्थ्य तथा राजनीति व कार्यक्षेत्र में तनावपूर्ण। 18 फरवरी से 20 मार्च तक हृदय रोग, पीलिया तथा अस्थमा जैसे रोगों से समस्याएँ। 17 मई से 6 सितंबर के मध्य दुर्घटना, चोरी से हानि व संपत्ति के मामलों में तनाव पर धन प्राप्ति बनी रहेगी। 13 सितंबर से 3 नवंबर तक प्रेम-दांपत्य संबंधों में अत्यधिक तनाव। 3 नवंबर से दिसंबर अंत तक धन तथा अन्य क्षेत्रों में सुधार देखने को मिलेगा। माणिक, पन्ना, पीला पुखराज धारण करना शुभ रहेगा।

कन्या (21 अगस्त-20 सितंबर)
इस राशि पर साढ़ेसाती तथा राहु, गुरु के विपरीत भ्रमण, जनवरी तथा जून व जुलाई में पड़ने वाले ग्रहणों के प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे। वर्षारंभ से 20 मार्च तक धन, दांपत्य, प्रणय, व्यापारिक संबंधों, शिक्षा, धर्म, आर्थिक तथा पारिवारिक क्षेत्रों में तनाव। 17 मई से 6 सितंबर तक जीवनसाथी तथा व्यापार से जुड़ी समस्याएँ अत्यधिक तनाव दे सकती हैं। संबंध टूटने की कगार पर आ सकते हैं। मई उपरांत गुरु के सप्तम भाव में भ्रमण से समस्याएँ नियंत्रित होंगी। 6 सितंबर से 3 नवंबर तक माता-पिता तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। विष्णु सहस्रनाम का जाप करें। पन्ना, हीरा एवं पीला पुखराज धारण करें।

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तुला (21 सितंबर-20 अक्टूबर)
इस राशि पर साढ़ेसाती का आरंभ हो चुका है। एक जनवरी का चंद्रग्रहण स्वास्थ्य, मन, संतान, माता, संपत्ति व अन्य क्षेत्रों में अस्थिरता का वातावरण बना सकता है। 15 जनवरी का सूर्य ग्रहण मान-सम्मान तथा जीवन से जुड़े अन्य क्षेत्रों में सफलता देने में सक्षम होगा। 15 जनवरी से 15 मार्च तक क्रोध, पिता एवं उत्तराधिकार से जुड़ी समस्याएँ परेशान करेंगी। 26 जून का चंद्रग्रहण के कारण कार्यक्षेत्र, स्वास्थ्य, दुर्घटना के प्रति सावधानी बरतें। वर्षारंभ से 20 जुलाई व 6 सितंबर से वर्षांत तक धन के लिए शुभ। सितंबर से वर्षांत तक नई ऊर्जा एवं विवाह संबंधों के योग। शनि व गुरु के मंत्रों का जाप व हीरा, पन्ना एव नीलम धारण करना शुभ।

वृश्चिक (21 अक्टूबर-20 नवंबर)
17 मई तक नीच मंगल के कारण सुस्ती एवं थकावट का समय। एक जनवरी का ग्रहण अशुभ घटनाओं का कारण बनेगा जबकि 15 जनवरी का सूर्य ग्रहण अचानक आर्थिक अस्थिरता लाएगा। उदर-गले-हृदय रोग से प्रभावित जातक 20 मार्च तक सावधानी बरतें। फरवरी मध्य से 20 मार्च में धन की आमद में कमी एवं संतान तथा पारिवारिक अशांति के कारण तनाव का हो सकता है। तीर्थ से मानसिक शांति। वाहन की खरीद-फरोख्त। वर्ष के अंतिम सप्ताह में विदेश यात्रा के योग। 13 सितंबर से 19 अक्टूबर तक माता-पिता के स्वास्थ्य व दुर्घटना के लिए प्रतिकूल समय। 19 अक्टूबर से 3 नवंबर का समय जीवनसाथी के लिए शुभ।

धनु (21 नवंबर-20 दिसंबर)
एक जनवरी तथा 15 जनवरी के ग्रहणों तथा मंगल के विपरीत भ्रमण के कारण दांपत्य, व्यापारिक, प्रेम एवं पारिवारिक संबंधों में अस्थिरता, तनाव का समय। 20 मार्च तक अत्यधिक प्रतिकूल। वित्तीय, प्रबंधन, कानून, खेतीबाड़ी, पर्यटन, अनाज, धर्म, शिक्षा आदि क्षेत्र से जुड़े जातकों पर विशेष प्रतिकूल प्रभाव। 15 अप्रैल से 15 जून तक ज्यादातर क्षेत्रों में सफलता का समय। भूमि, वाहन, संपत्ति की खरीद। विरोधियों पर विजय, कार्यक्षेत्र व निवासस्थान में परिवर्तन, शेयर मार्केट व अन्य निवेश हेतु शुभ। 26 जून तथा 12 जुलाई के ग्रहणों से 15 अगस्त से वर्षांत तक धन, संपत्ति, विवाह, संतान इत्यादि हर क्षेत्र में लाभप्रद।

मकर (21 दिसंबर-20 जनवरी)
एक जनवरी का ग्रहण यद्यपि रोगों और विरोधियों पर विजय प्राप्त करने हेतु शुभ पर 15 जनवरी का ग्रहण नौकरी, पिता के स्वास्थ्य, धन, स्थायित्व, चोरी, दुर्घटना इत्यादि हेतु तनावपूर्ण। वर्षारंभ से 6 फरवरी तक मधुमेह, स्नायु, उदर, जोड़ों के रोग तथा संतान, प्रणय, दांपत्य और व्यापारिक संबंधों में तनाव का समय। 18 से 20 मार्च में दुर्घटना व वित्तीय कारणों से परेशानी। 17 मई से 20 जुलाई में अचानक चोरी, दुर्घटना व हानि। 21 जुलाई से नवंबर अंत तक जीवन के हर क्षेत्र में सफलता यद्यपि 13 सितंबर से 3 नवंबर तक धन, स्वास्थ्य, परिवार व संतान इत्यादि से अव्यवस्थित स्थितियों का निर्माण। कर्ज के लेन-देन से जुड़े निर्णय टाल दें।

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कुंभ (21 जनवरी-20 फरवरी)
एक जनवरी का चंद्रग्रहण स्वास्थ्य एवं आर्थिक व दांपत्य संबंधित कारणों से तनावपूर्ण। हृदय, उदर व स्नायु रोगों से जुड़े जातक खासे प्रभावित होंगे। शेयर मार्केट व अन्य निवेश एवं प्रेम-संतान-दांपत्य से जुड़े मामलों में परेशानी। 17 मई से वर्षांत तक धन, परिवार, संपत्ति तथा अन्य क्षेत्रों में सुधार। 26 जून का चंद्रग्रहण संबंधों में तनावदायक। 17 मई से एक दिसंबर तक दुर्घटना, चोरी तथा माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें। बीमा व अन्य आर्थिक सुरक्षा के उपाय करें। वर्ष का अंतिम माह संपत्ति व विवाह के लिए शुभ। खासकर वित्त, व्यापार, खेती, पर्यटन, कानून, धर्म, जवाहरात, सौंदर्यीकरण व ठेकेदारी से जुड़े जातकों के लिए।

मीन (21 फरवरी-20 मार्च)
एक जनवरी का चंद्रग्रहण जीवनसाथी, संतान एवं माता से संबद्ध कारणों से उद्वेग का होगा। छाती, फेफड़ों, पीठ व घुटनों के रोग समस्या खड़ी करेंगे। 15 जनवरी का सूर्य ग्रहण संपत्ति, नौकरी, राजनीति तथा विरोधियों पर विजय हेतु शुभ होंगे। वर्षारंभ से 6 फरवरी तक पैतृक, आयात-निर्यात तथा विदेश से जुड़े मुद्दे टाल दें। 18 फरवरी से 20 मार्च में वित्तीय तथा अन्य कानूनी मसलों को लेकर सचेत रहें। 17 मई तक तथा 13 सितंबर से 3 नवंबर तक अस्थिरता व तनाव रहेगा। 26 जून तथा 12 जुलाई के ग्रहण के कारण तनाव व विच्छेद के योग। 20 जुलाई से एक दिसंबर तक सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट। वर्ष के अंतिम तीन माह निवेश के लिए शुभ।

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