2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए दरवाजे खोलेंगे विधानसभा चुनाव: डीके शिवकुमार

शनिवार, 29 अप्रैल 2023 (18:02 IST)
D.K. Shivakumar: बेंगलुरु। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी.के. शिवकुमार (D.K. Shivakumar) ने कहा है कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों (assembly elections)के नतीजे एक नई शुरुआत करेंगे और ये 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए दरवाजा खोलेंगे। शिवकुमार 'भाषा' के साथ साक्षात्कार (interview) में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर उत्साहित नजर आए।
 
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 224 सदस्यीय विधानसभा में 141 सीटों पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन चुनावों में हार के डर से राज्य में प्रचार के लिए अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व को तैनात कर दिया है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य में 'मोदी फैक्टर' काम नहीं करेगा और यहां लोगों का पूरा ध्यान स्थानीय एवं विकास संबंधी मुद्दों पर केंद्रित है।
 
शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनके और विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के बीच कोई झगड़ा नहीं है और अब एकमात्र उद्देश्य चुनाव में भाजपा को हराना एवं कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करना है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (केपीसीसी) शिवकुमार (60) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण उनकी पार्टी द्वारा घोषित चुनावी 'गारंटी' से 'परेशान' हो गए हैं, क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, वे उन्हें पूरा नहीं कर सके।
 
साक्षात्कार के अंश:
 
सवाल: क्या विधानसभा चुनाव केवल स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित होगा या यह 'मोदी बनाम राहुल' का मुकाबला होगा?
 
जवाब: नहीं, इसका मोदी या किसी भी अन्य राष्ट्रीय नेता से कोई लेना-देना नहीं है। यह कर्नाटक के प्रशासन से जुड़ा चुनाव है कि कैसे कर्नाटक सरकार असफल रही और कांग्रेस क्या कर सकती है? यह बहुत शांतिप्रिय राज्य है, कर्नाटक के लोग बहुत परिपक्व हैं। कर्नाटक इस देश के आर्थिक विकास का प्रवेश द्वार है। वे (भाजपा) भावनात्मक मुद्दे उठा रहे हैं, हम विकास के मुद्दों पर ध्यान देना चाहते हैं।
 
महंगाई हर आम आदमी को प्रभावित कर रही है। हम लोगों की मदद करना चाहते हैं। साढ़े 3 साल तक भाजपा की 'डबल इंजन' की सरकार थी, जो पूरी तरह से असफल हो चुकी है। कर्नाटक ज्ञान की भी राजधानी है और मुझे लगता है कि हिजाब एवं हलाल जैसे अवांछित भावनात्मक मुद्दे उठाए जाने के बाद लोग डरे हुए हैं। ऐसी चीजें राज्य के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही हैं।
 
सवाल: राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के पुनरुद्धार के लिए कर्नाटक चुनाव परिणाम के महत्व पर आपकी क्या राय है?
 
जवाब: निश्चित रूप से इससे द्वार खुलेंगे, यह शुरुआत है। यह राष्ट्रीय स्तर पर एकता और 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी की शुरुआत होगी। कर्नाटक के लोग देश को एक संदेश देंगे। पहले भी देवराज अर्स (पूर्व मुख्यमंत्री) के समय जब जनता पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में थी, कर्नाटक ने कांग्रेस के लिए दरवाजा खोल दिया था, अब फिर से कर्नाटक अपनी भूमिका निभाएगा।
 
सवाल: चुनाव में कांग्रेस की संभावनाएं क्या हैं?
 
जवाब: मैं सर्वेक्षणों, अपने लंबे राजनीतिक अनुभव के आधार पर अब भी 141 की संख्या पर टिका हूं। मेरा विधानसभा में पिछले 35 साल का अनुभव है। मैंने 8 चुनाव लड़े हैं जिनमें से मैंने 1 हारा है और 7 जीते हैं।
 
सवाल: आपके और सिद्धरमैया के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर 'खींचतान' पर क्या कहेंगे?
 
जवाब: खींचतान कहां है? आप मुझे कोई एक उदाहरण, कोई एक घटना या किसी भी बात में कोई छोटा-सा मतभेद दिखाइए। मैं (भाजपा नेता बीएस) येदियुरप्पा की तरह पद के लिए चिल्लाया नहीं। हम साथ खड़े हैं, हमने साथ काम किया है, हम मिलकर लड़ रहे हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य भाजपा की हार सुनिश्चित करना और कांग्रेस को सत्ता में देखना है।
 
सवाल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस की चुनावी गारंटी की आलोचना की और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन गारंटी को लागू करने के लिए हर साल 1 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।
 
जवाब: प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री बहुत परेशान हैं, क्योंकि उन्होंने जो वादे किए थे, वे उन्हें पूरा नहीं कर पाए।
 
सवाल: भाजपा के पूरे नेतृत्व को कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार में लगाए जाने पर आपका क्या कहना है?
 
जवाब: वे डरे हुए हैं। लोग अब उनका सम्मान नहीं करते। उनके नेतृत्व में कर्नाटक, देश की भ्रष्टाचार राजधानी बन गया है। मुख्यमंत्री और मंत्री समेत कर्नाटक में हर पद बिकाऊ है।
 
सवाल: इस चुनाव में 'मोदी फैक्टर और मोदी के जादू' के असर पर आपका क्या कहना है?
 
जवाब: कुछ काम नहीं करेगा। किसी केंद्रीय नेता का जादू नहीं चलेगा। अगर आपने (जनता का) पेट भरा है, अगर आपने सुशासन दिया है तो ही लोग आपके बारे में सोचेंगे। इसके अलावा कुछ काम नहीं करेगा। तमिलनाडु या केरल या पश्चिम बंगाल, इसने (मोदी फैक्टर) कहां काम किया? इसने काम नहीं किया और यहां भी ऐसा ही होगा।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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