Karva Chauth 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का निर्जला व्रत रखा जाता है। महिलाएं यह व्रत अपने पति की लंबी आयु और घर की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए रखी हैं। यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू कर चांद निकलने तक रखना चाहिए और चन्द्रमा के दर्शन के पश्चात ही इसको खोला जाता है। आओ जानते हैं कि करवा चौथ की रात को पति-पत्नी क्या करते हैं?
1. करवा चौथ की रात को पति और पत्नी मिलकर चंद्रोदय से 1 घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार (शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी) की पूजा करते हैं। पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की ओर होना चाहिए तथा स्त्री को पूर्व की तरफ मुख करके बैठना चाहिए।
4. भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि जब कोई किसी के पैर छूता है, तो वह उसके प्रति अपना आदर और कृतज्ञता व्यक्त करता है। करवा चौथ पर पत्नी अपने पति के पैर छूकर यह जताती है कि वह अपने जीवनसाथी का सम्मान करती है और उनके साथ की सराहना करती है। आशीर्वाद लेने की भावना पैर छूने का एक मकसद यह भी होता है कि सामने वाले का आशीर्वाद मिले। यह मान्यता है कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि पाने के लिए बड़ों या जीवनसाथी का आशीर्वाद लेना लाभदायक होता है।
5. चंद्र दर्शन और अर्घ्य अर्पण के बाद बहू अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे, रुपए आदि देकर उनका आशीर्वाद लें और सास उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दें।