करवा चौथ एक नारी पर्व है। सुहागिन नारी का अपने पति की दीर्घायु और हर प्रकार के सुख-ऐश्वर्य की कामना के साथ किया गया निर्जल व्रत। ऐसे अनूठे व्रत हिंदू संस्कृति में ही हो सकते हैं।
यह नारी पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस पर्व में दिनभर का उपवास करके, शाम को सुहागिनें करवा की कहानियां कहती-सुनती हैं। उसके पश्चात गौरा से सुहाग लेकर तथा उगते चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने सुहाग की अटलता की कामना करती हैं।
पति के प्रति प्रेम की आत्मिक अभिव्यक्ति के लिए किया जाने वाला करवा चौथ का व्रत पिया की दीर्घायु के लिए किया जाता है। इस व्रत का सबसे अहम और दिलचस्प पहलू है, छलनी में से चांद और अपने चंदा यानी पिया को देखना, जो इस व्रत के उत्साह को बढ़ा देता है।
अन्न जल का त्याग कर व्रत रखकर, रात्रि समय में चांद को अर्घ्य देकर यह व्रत पूर्ण होता है। चूंकि व्रत पति की लंबी उम्र के लिए है, इसलिए पूजन में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। इसलिए हम बता रहे हैं, पूजन सामग्री की सूची जो इस व्रत व पूजन में उपयोग होती हैं।
पूजन सामग्री में करवा चौथ के 'पूजा का पाना' तथा 'करवा चौथ कथा की पुस्तक' तो अवश्य होनी ही चाहिए, लेकिन कुल मिलाकर ऐसी 34 चीजें और भी हैं, जो इस व्रत की शुरुआत से लेकर व्रत खोलने तक उपयोग में आती हैं। पढ़कर एक बार मिलान जरूर करें, कि आपके पास कोई सामग्री कम तो नहीं है। और अगर है, तो उसे अपनी सूची में जल्दी से शामिल कर लीजिए -
करवा चौथ पूजन सामग्री की सूची
1. चंदन
2. शहद
3. अगरबत्ती
4. पुष्प
5. कच्चा दूध
6. शकर
7. शुद्ध घी
8. दही
9. मिठाई
10. गंगाजल
11. कुंकुम
12. अक्षत (चावल)
13. सिंदूर
14. मेहंदी
15. महावर
16. कंघा
17. बिंदी
18. चुनरी
19. चूड़ी
20. बिछुआ
21. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन
22. दीपक
23. रुई
24. कपूर
25. गेहूं
26. शकर का बूरा
27. हल्दी
28. पानी का लोटा
29. गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी
30. लकड़ी का आसन
31. चलनी
32. आठ पूरियों की अठावरी
33. हलुआ
34. दक्षिणा के लिए पैसे ।
जब चंद्र को अर्घ्य दें तो यह मंत्र अवश्य बोलें....
करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥