फनी कविता : यजमान कंजूस‌

बरफी ठूंस-ठूंस कर खाई।
सात बार रबड़ी मंगवाई।
एक भगोना पिया रायता।
बीस पुड़ी का लिया जयका।

चार भटों का भरता खाया।
दो पत्तल चांवल मंगवाया।
जल पीने पर आई डकार।
छुआ पेट को बारंबार।

बोले नहीं पिलाया जूस।
यह यजमान बहुत कंजूस।

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