बच्चों की कविता : प्यारी है होली

एक रंग चढ़ा है सब पर, नहीं है कोई अंतर
होली है त्योहार यह, या कोई जादू-मंतर।


 
त्योहारों में सबसे प्यारी है होली सौगात
होती है रंगों की इस दिन क्या अनुपम बरसात।
 
राजू ने दादी को रंग कर सुनी है मीठी झिड़की
राधा बच कर रंगों से, देखे खोल के खिड़की।
 
जुम्मन चाचा को छलती है रंगों की पिचकारी
छुपते-फिरते यहां-वहां रह जाती शेखी सारी।
 
इस दिन बूढ़ी काकी को क्या जम कर होली चढ़ती
बच्चे-बूढ़ों को रंगती और दौड़-दौड़ पकड़ती।
 
बच्चों की होली टोली का ऐसा सुख अनंता
कौन राम, कौन रहीम, कौन है जॉन और बंता।
 
एक रंग चढ़ा है सब पर नहीं है कोई अंतर
होली है त्योहार यह या कोई जादू-मंतर।

 

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