बाल साहित्य : अच्छी लगती है दिवाली

लगता है बड़ा अच्छा,
दिवाली का ये त्योहार पापा।
 
मिलते हैं ढेरों उपहार,
और मिलता है प्यार पापा।
 


होता है इन दिनों सबका,
मीठा और प्रेम-व्यवहार पापा।
 
चमचमाती विद्युत मालाओं से,
सजता है घर और बाजार पापा।
 
तरह-तरह के पकवानों की,
घर में होती बहार पापा।
 
नए कपड़े और छुट्टियां पाकर,
खिलखिलाता बच्चों का संसार पापा।
 
- योगेश केसरवानी

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