कविता : नववर्ष का स्वागत...

नववर्ष तुम्हारे स्वागत में,  
हम सपनों संग महल सजाए हैं। 



त्योहार मनाने हम दिल्ली से,  
हम अपने गांव में आए है। 
 
दादी-अम्मा ने संस्कार दिए और, 
दादा संग आशीर्वाद।  
 
बड़के पापा बुआ-चाचा का, 
मिला अनोखा प्यार। 
 
पापा मेरे मौरंगी पटाखे,  
देखो बाजार से लाएं है।  
 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें