कविता : वक्त ने हमें सिखाया है

नव साल मुबारक जन-जन को, खुशियों का तोहफा लाया है 
हंसी के मोती बिखरा करेंगे, वक्त ने हमें सिखाया है
 
भ्रष्टाचार कम हो जाएगा, अत्याचारी गुम हो जाएगा  
कोई मौकापरस्त परिंदा आपस में हमें न लड़ाएगा  

खुश्बू चमन में उड़ा करेगी, भंवरे ने हमें बताया है 
हंसी के मोती बिखरा करेंगे, वक्त ने हमें सिखाया है
 
अफसर सच्चाई पर आ जाएंगे, सच का सपना साकार होगा
बहन बेटियां घूमें अकेली, शुद्ध सच्चा व्यवहार होगा
 
सोने की चिड़िया फिर देश बनेगा, ऐसा प्रस्ताव ले आया है 
हंसी के मोती बि‍खरा करेंगे , वक्त ने हमें सिखाया है

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